Short Story For Student in Hindi
ये कहानी कुछ साल पहले की है | ये एक छोटे से town की लड़की की कहानी है जो एक lower middle class में पली बढ़ी थी | पढाई में वो average थी, पर उसके पिता बाकी parents की तरह चाहते थे की वो class topper बने |
पर उस लड़की (नाम-नाज़नी) में आत्मविश्वास की कमी थी | सुरु से उसे अन्य बच्चों के साथ तुलना की गयी थी और वो उतनी अच्छी नहीं ये बात उसे बताया गया था | वो हमेसा उन toppers students को देखती थी और सोचती थी की वो इतनी काबिल नहीं है |
वो अपने average performance से ही खुश थी | पर उसका सपना था की उसे एक दिन सबसे appreciation मिले | नाज़नी चाहती थी की उसके पिता उस पर गर्व करें |
Class में वो हर साल average marks से पास होती थी और result देखकर उसके पापा उसे डांट लगाते थे | नाज़नी अपने पापा की डांट को नज़रंदाज़ कर देती थी | वो अपने marks से खुश रहती थी क्यूंकि उसे लगता था वो उतनी काबिल नहीं है की class topper बन सके |
ऐसे ही साल बित्ते गए और 9 class का final result आया जिसमें उसे बहोत खराफ marks मिलें थे और वो बहोत निराश भी हुई थी अपने exam से | उसे इतना डर लग रहा था की वो अपने marksheet अपने पापा को दिखा नहीं पायी |
जब उसके पिता ने उससे पूछा तो वो घबरा कर झूठ बोल्दी की marksheet नहीं मिला है | पर झूठ बोलना उसे बिलकुल अच्छा नहीं लगा और दुसरे दिन ही वो अपना marksheet अपने पापा के सामने ले गयी |
Marksheet देखकर नाज़नी को उसके पापा कुछ बोलते उससे पहले वो रोने लगी और बोली मेरा result बहोत ही बुरा हुआ है इस बार | मगर इस बार उसके पापा ने उसे बिलकुल नहीं डांटा बल्कि कहा: तुम 10th Board की पूरी तय्यारी करो |
नाज़नी हमेसा class में 4th rank में आती थी पर 9th class में, उसका rank 7th था और marks 50% से भी कम था | उस time 10th Board को 60% marks से पास होना भी बड़ी बात मानी जाती थी | और 80% marks रखने वाले students को अच्छे college में admission आसानी से मिलता था और उसका future बहोत अच्छा है ये भी कहा जाता था |
नाज़नी अपने marks से दुखी तो थी पर वो हिम्मत करके ये फैसला ली की वो 10th Board में 80% marks लाके रहेगी और वो पूरी dedication से ये हासिल करके रहेगी |
जैसे 10th Board की पढाई सुरु हुई उसका पढाई के प्रति लगन बदल गया | वो हर class को ध्यान से attend करती | जैसे teacher guide करते वो वैसे ही follow करती | बाकी बच्चे टालमटोल करते पर वो हमेसा sincere रहती |
रोज़ अपना homework पूरा करती और class में पूछे गए सवालों का जवाब भी देती | नाज़नी का पढाई के प्रति लगन देखकर उसके teachers उसे बहोत पसंद करने लगे | इस बात से अन्य topper students को insecurities होने लगी | पर नाज़नी का ध्यान किसी के ऊपर नहीं था | कोन क्या सोचता था उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था |
उसका ध्यान सिर्फ 10th Board का final result पर था जिसमे उसे 80% marks लानी थी | इसके लिए वो हर वक़्त तय्यारी करती | जो subjects उसे पसंद था उसे अच्छे से पढ़ती और revise करती | और जो subjects उसे समझने में मुस्किल होती उसकी वो extra class अपने teachers से लेती |
Tuition के बाद भी वो अपने teacher से doubts clear के लिए extra class के लिए जाती | वो हर वो instructions follow करती जो उसके teacher बताते थे की matric में अच्छे result कैसे लायी जाए | जैसे 12 घंटे पढना, time से सोना और time से उठाना | रोज़ का task complete करना और पढ़ी हुई चीजों को revise करना |
Class test के दौरान उसका rank दुसरे position पर आ गया था और वो school के सभी teachers की चहिती बन गयी थी | उसके tuition teacher भी उसकी बहोत तारीफ करने लगे थे पर वो उसे तब भी उतना काबिल नहीं समझते थे जितना की एक topper student को समझते थे |
पर नाज़नी अपने लक्ष में लगी रही और उसकी और बढती चली गयी | आखिरकार 10th board exam ख़तम हो गया और result आ गया |
उसके class में ऐसी बहोत सी students थें जो 80% से अधिक marks रखने के काबिल थे | नाज़नी थोडा nervous थी अपने result को जानने के लिए न जाने उसका सपना पूरा हुआ है या नहीं |
Teacher ने बताया school में बस दो ही students 80% marks रखें हैं | तब नाज़नी सोची इतने अच्छे students में से में कहाँ 80% marks रखी होंगी | पर जब नाम बताया गया तब उस लीस्ट में नाज़नी का भी नाम था |
बहोत students के सपने टूटू गए थे की वो 80% marks नहीं रख पाए | पर नाज़नी जीत गयी थी | उसकी मेहनत और लगन रंग लाई थी | उसके पिता बहोत गर्व महसूस किये थे और पुरे school में उसे बहोत appreciation भी मिला था |
सारे students के लिए वो एक मिशाल बन गयी थी |
Moral of The Story
- कई बार ऐसा होता है हमे लगता है की हम उतने काबिल नहीं है | पर सच तो ये है काबिलियत सब में होती है | बस जरुरत है खुद में आत्म विश्वास जगाने की |
- जो दुसरे कर सकते हैं वो आप भी कर सकते हैं | दूसरों की तरह आप भी सफल हो सकतें हैं | बस जानने की ये जरुरत यह है की: आपका लक्ष क्या है और उसे पाने के लिए क्या actions लेना होगा ? बस वो सारे actions लेते रहिये, सीखते रहिये | आपको आपका लक्ष जरुर मिलेगा |