Secrets Of The Millionaire Mind Summary in Hindi
दौलतमंद बन्ने के लिए दौलतमन्द सोच कैसे पैदा किया जाए? अमीर लोग क्यूँ अमीर होतें जातें हैं और गरीब लोग क्यूँ गरीब रह जातें हैं?
कैसे कुछ लोग अमीर बनने के बाद फिर गरीब हो जातें हैं और कुछ लोग अपनी सारी दौलत गवां कर फिर से दुबारा दौलत बना लेतें हैं?
इन सभी सवालों के जवाब आपको Secrets Of The Millionaire Mind से मिलेगा |
आपके लिए ये जान लेना जरुरी है सोचने और काम करने के पुराने तरीके आपको ठीक वहां ले आया है जहाँ आप इस वक़्त हैं | अगर आप वाकई अमीर और खुश हैं तो ये बहोत अच्छी बात है | लेकिन अगर आप खुश और अमिर नहीं हैं तो फिर आपको ऐसी संभावनाओं पर विचार करने की जरुरत है जो आपको आपके मनचाहे परिणाम दे |
अगर आप जीवन में ज्यादा ऊँचा स्तर पर पहुंचना चाहते हैं तो आपको अपने सोचने के कुछ पुराने तरीकों को छोड़ना होगा और नए तरीकों को अपनाना होगा |
लेखक के बारें में
Secrets Of The Millionaire Mind किताब के लेखक T Harv Eker हैं | जो एक कामयाब बिज़नस मेन, motivational speaker हैं | कई सालों के अध्यन से उन्होंने अमीर लोगों की सोच को समझा और सिखा है | जिससे वो खुद भी कामयाब हुए और लोगों को training देकर अमीर बनना सिखा रहे हैं |
उनका कहना है कोई भी किसी भी परिस्तिथि में हो, कितना भी मेहनत कर लें जब तब उसकी पैसों को लेकर सोच सही नहीं होगी वो कभी कामयाब नहीं हो सकता |
अगर अमीर बनना है तो अमीर लोगों की सोच को अपनाना होगा और उसे अमल में लाना होगा | और इसी बात को लेखक अपनी किताब दी सीक्रेट्स ऑफ़ दी मिलियनेयर माइंड में सिखातें हैं |
अगर आप अमीर बनने के लिए dedicated हो पर लाख कोशिस के बाद भी हार मिल रही है | तब जरुरत है उन कारणों को जड़ से जानने की और उसे ठीक करने की | जिसे आप इस पुष्तक में सीखेंगे |
इस पुष्तक को दो भागों में बाटां गया है | पहला भाग धन के ब्लूप्रिंट के बारे में बताती है और दूसरा भाग में दौलत के 17 फाइलों के बारें में बताती गयी है |
धन का ब्लूप्रिंट Money Blueprint
जैसे अच्छे फल के लिए जमीन में अच्छे बिज बोना जरुरी है और उसे अच्छे से पोषण देना जरुरी है | तभी वो पेड़ बेहतरीन फल देंगें |
उसी तरह पैसों से अमीर बनने के लिए आपके financial पेड़ों को सही पोषण और सही बिज बोना जरुरी है | मतलब पैसों को लेकर आपकी mindset सही होना जरुरी है |
इस बात को समझाने के लिए लेखक TFAR formula के बारे में बतातें हैं |
यह फ़ॉर्मूला तय करता है की आप अपनी वास्तविकता और दौलत किस तरह से उत्पन्न करते हैं |
आपका धन का ब्लूप्रिंट आपके विचारों (T), भावनाओं (F) और कार्यों (A) के तालमेल का परिणाम (R) है |
विचार भावनायों को जन्म देता है और भावनाएं उसी तरह के काम करवाता है जिससे पीर परिणाम उसी तरह का मिलता है |
विचार आतें कहाँ से हैं? ये आता है आपकी हुई कंडीशनिंग से खास कर बचपन में सीखें बातों से जो आपके अबचेतन मन में एक ब्लूप्रिंट बना देता है | और उसी ब्लूप्रिंट से प्रभावित होकर आप बड़े होकर काम करते हो जो उसी तरह का result देता है | अगर ब्लूप्रिंट सही न हो तो परिणाम भी सही नहीं होगा |
तो अब ये सवाल आता है की धन का ब्लूप्रिंट कैसे बनता है ? जवाब है : ये बनता है उस जानकारी या प्रोग्रामिंग से जो आपको अतीत में मिली है, खासकर आपके बचपन में | आपको सिखाया गया है के पैसों के बारे में कैसे सोचना है और काम करना है |
ये ब्लूप्रिंट ३ तरीकों से बनती है:
- शाब्दिक प्रोग्रामिंग : आपने बचपन में क्या सुना था?
- मॉडलिंग (अनुसरण) : आपने बचपन में क्या देखा था ?
- विशेष घटनाएँ : आपने बचपन में क्या अनुभव किया था ?
शाब्दिक प्रोग्रामिंग Verbal Programming
बचपन में पैसों के बारें में क्या सुना है वही आपके अबचेतन मन में बस जाता है और आपका पैसों को लेकर ब्लूप्रिंट बनाता है |
बातें जैसे की आमिर लोग लालची होतें हैं, आमिर लोग गलत तरीके से पैसे कमातें हैं, बुरे वक़्त के लिए पैसे बचाके रखो, हम इसका खर्च नहीं उठा सकतें | यही सब बातें ज्यादातर गरीब लोग बोलते हैं |
अगर आपने इस तरह की बातें सुनकर बड़े हुए हैं तो आपका ब्लूप्रिंट पैसों को लेकर नकारत्मक होगा है |
जैसे की आपने जाना आपकी अबचेतन मन की कंडीशनिंग आपके सोच को तय करती है | आपकी सोच आपके निर्णयों को तय करती है और आपके निर्णय आपके कार्यों को तय करती हैं, जो आखिर में उसी तरह के परिणाम देतें हैं |
मॉडलिंग (Modelling)
दूसरा तरीका जो धन का ब्लूप्रिंट बनाता है वो है मॉडलिंग | बचपन से बड़े होने तक आप जो देखते हैं अपने माता पिता को की वो पैसों को कैसे खर्च करते हैं, कैसे कमातें थे और कैसे बचाते थे वही आपको कंडीशनिंग किया होता है |
तो इन बातों पे ध्यान दीजिये, आपके माता पिता पैसों को लेकर कैसे थे? क्या वो फ़िज़ूल खर्च करते थे या सही से सोच समझ कर खर्च करते थे ? सही जगह पैसे निवेश करते थे या निवेश ही नहीं करते थे ? उनके पास पैसा रहता था या पैसों को लेकर उतार चढाव देखते थे ? क्या पैसों की वजह से घर में तनाव रहता था या ख़ुशी रहती थी?
इन बातों को जानना जरुरी है | क्यूंकि पुरानि कहावत है “बन्दर जैसा देखतें हैं, वैसा ही करतें हैं ” | मतलब की बचपन में हम हर चीज अनुसरण से ही सिखतें हैं |
तो सबक ये है की आम तौर पर हम धन के मामले में अपने माता या पिता या दोनों के तालमेल के अनुरूप होते हैं |
कुछ लोग पागलों की तरह खर्च करते हैं, क्यूंकि वो सोचते हैं पैसा कभी भी डूब सकता है, इसीलिए जब तक इसका आनंद लेने का मौका मिले आनंद लेलो ! उसी तरह कुछ लोग पैसों को संभाल कर रखतें हैं ये सोचकर की मुस्किल समय में काम आएगा |
मुश्किल समय के लिए बचत करने का विचार अच्छा तो लगता है, लेकिन यह जान लें की इससे बड़ी समस्या भी आ सकती है | “अगर आप मुश्किल समय के लिए पैसा बचा रहें तो आपको क्या मिलेगा? मुश्किल समय !”
इसीलिए ऐसा करना छोड़ दें | मुश्किल समय के लिए पैसा बचाने के बजाय खुशहाल समय के लिए पैसा जोड़ने पे ध्यान दें | या उस समय के लिए पैसे जोड़ें और काम करें जो आपको financial freedom देगा !
विशिष्ट घटनाएँ specific incidents
बचपन में धन से जुडी घटनाएँ भी धन के प्रति ब्लूप्रिंट को निर्धारित करता है | अगर किसी ने बचपन में बहोत गरीबी देखि है और ये फैसला किया है की वो बड़ा होकर बहोत पैसे कमाएगा और अपने परिवार को खुशहाल जीवन देगा तो ये उस तरह का ब्लूप्रिंट उसके दिमाग में बन जायेगा |
और बड़े होने के बाद वो उन सभी अवसरों को तलासेगा और फिर उसी तरह से काम करेगा जिससे वो अधिक धन कमा सके |
तो सवाल अब आता है इस नकारात्मक ब्लूप्रिंट को ठीक कैसे करें?
इसे ठीक करने के लिए 4 steps से गुज़रना पड़ेगा:
- पहला है जागरूकता (awareness) : कैसी चीज या प्रोग्रामिंग है जो आपको रोक कर रख रही है उसके प्रति जागरूक होना |
- दूसरा है समझ (understanding) : आपका सोचने का तरीका कहाँ से उत्पन्न हुआ, ये समझने से जान सकतें हैं की बाहर ऐसे परिणाम क्यूँ मिल रहें हैं |
- तीसरा कदम है अलगाव (disassociation) : जब आपको एहसास हो जाता है की यह सोचने का तरीका आपका नहीं, किसी दुसरे का है, तो आप खुद को उससे अलग कर सकते हैं और यह चुनाव कर सकते हैं की उसे आगे जारी रखा जाए या छोड़ दिया जाए |
- चौथा कदम है रीकंडीशनिंग (reconditioning) : इसमें अमीर लोगों के सोचने के तरीके और विचारों से अपने अबचेतन मन को रीप्रोग्राम करना होगा |
लेखक इस तरह से हमें अपने ब्लूप्रिंट को जान्ने के लिए कहतें हैं | और बताये गए 4 steps से हम अपने मन में सही ब्लूप्रिंट की जगह दे सकतें हैं |
रेप्रोग्राम करने के लिए ऑथर ने पुष्तक के दुसरे भाग में 17 files और घोषणाएं दीये हैं, जिसके जरिये आप अपने अबचेतन मन को फिर से धन उत्पन्न करने के लिए प्रोग्राम कर सकते हैं | तो चलिए उन्हें जानते हैं उन फाइलों को |
दौलत की फाइलें
“अपनी वित्तीय सफलता के स्तर को स्थायी रूप से बदलने का एक मात्र तरीका है अपने वित्तीय थर्मोस्टेट यानी अपने धन के ब्लूप्रिंट को दोबारा निर्धारित करना “|
जैसे की हमने जाना विचार भावनाओं की और ले जातें हैं, भावनाएं कार्यों के और ले जाती हैं | और फिर कार्य परिणामो की और ले जाते हैं |
किसी भी बदलाव के लिए पहला कदम है जागरूकता | इसका मतलब है की आमिर लोगों के तरीकों से सोचने के लिए पहला कदम यह जानना है की अमीर लोग किस तरह सोचते हैं |
इसके लिए लेखक ने 17 फाइल्स दी हैं जिससे अमीर लोगों की सोच और काम करने का तरीका पता चलता है |
सत्रह तरीक़े, जिनसे अमीर लोग ग़रीब और मध्य वर्गीय लोगों से अलग तरह से सोचते और काम करते हैं |
दौलत फ़ाइल 1
अमीर लोग मानते हैं “मैं अपनी जिंदगी खुद बनाता हूँ |” गरीब लोग मानते हैं “जिंदगी में मेरे साथ घटनाएँ होती हैं |”
घोषणा: “अपनी वित्तीय सफलता के स्तर का निर्माण में खुद करता हूँ |”
दौलत फ़ाइल 2
अमीर लोग पैसे का खेल जितने के लिए खेलते हैं | ग़रीब लोग पैसे का खेल हार से बचने के लिए खेलते हैं |
घोषणा: “मेरा लक्ष मीलियनेअर और उससे भी ज्यादा बनना है !”
दौलत फ़ाइल 3
अमीर लोग अमीर बनने के प्रति समर्पित होते हैं | ग़रीब लोग अमीर बनना चाहते हैं |
घोषणा: “मैं अमीर बनने के लिए समर्पित हूँ !”
दौलत फ़ाइल 4
अमीर लोग बड़ा सोचते हैं | गरीब लोग छोटा सोचते हैं |
घोषणा: “में बड़ा सोचता हूँ ! मैं हज़ारों लोगों की मदद करने का चुनाव करता हूँ |”
दौलत फ़ाइल 5
अमीर लोग अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं | गरीब लोग बाधाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं |
घोषणा: “मैं बाधाओं के बजाय अवसरों पर ध्यान केंद्रित करता हूँ !”
दौलत फ़ाइल 6
अमीर लोग दुसरे अमीर और सफल लोगों की प्रशंसा करते हैं | गरीब लोग अमीर और सफल लोगों से द्वेष रखते हैं |
घोषणाएँ :
“मैं अमीर लोगों की प्रशंसा करता हूँ !”
“मैं अमीर लोगों को आशीष देता हूँ !”
“मैं अमीर लोगों को पसंद करता हूँ !”
“और मैं भी इन्ही अमीर लोगों में से एक बन्ने जा रहा हूँ !”
दौलत फ़ाइल 7
अमीर लोग सकारत्मक और सफल लोगों के साथ रहते हैं | गरीब लोग नकारत्मक और असफल लोगों के साथ रहते हैं |
घोषणाएँ:
“मैं सफल और अमीर लोगों को अपना रोल मॉडल बनाना चाहता हूँ |”
“मैं अमीर और सफल लोगों के साथ जुड़ना चाहता हूँ |”
“अगर वे यह काम कर सकतें हैं, तो मैं भी कर सकता हूँ !”
दौलत फ़ाइल 8
अमीर लोग अपना और अपने मूल्य का प्रचार करने के इच्छुक होते हैं | गरीब लोग बेचने और प्रचार के बारे में नकारत्मक राए रखते हैं |
घोषणा: “मैं जोश और उत्साह के साथ दूसरों के सामने अपने महत्व तथा मूल्य का प्रचार करता हूँ |”
दौलत फ़ाइल 9
अमीर लोग अपनी समस्याओं से ज्यादा बड़े होते हैं | गरीब लोग अपनी समस्याओं से ज्यादा छोटे होते हैं |
घोषणाएँ:
“मैं किसी भी समस्या से ज्यादा बड़ा हूँ |”
“मैं किसी भी समस्या से निबट सकता हूँ |”
दौलत फ़ाइल 10
अमीर लोग उत्कृष्ट प्राप्तकर्ता होते हैं | गरीब लोग खराफ प्राप्तकर्ता होते हैं |
घोषणा: “मैं एक उत्कृष्ट प्राप्तकर्ता हूँ | मैं अपने जीवन में ढेर सारा पैसा पाने के लिए तैयार और इच्छुक हूँ |”
दौलत फ़ाइल 11
अमीर लोग अपने परिणामो के आधार पर भुगतान का विकल्प चुनते हैं | गरीब लोग अपने लगाए गए समय के आधार पर भुगतान करना चाहते हैं |
घोषणा: “मैं अपने परिणामों के आधार पे भुगतान पाने का चुनाव करता हूँ |”
दौलत फ़ाइल 12
अमीर लोग “यह भी और वोह भी” सोचते हैं | गरीब लोग “यह या वोह” सोचते हैं |
घोषणा: “मैं हमेशा ‘दोनों’ के संदर्भ में सोचता हूँ ”
दौलत फ़ाइल 13
अमीर लोग अपनी नेट वर्थ पर ध्यान केंद्रित करते हैं | गरीब लोग अपनी आमदानी पर ध्यान करतें हैं |
घोषणा: “मैं अपनी नेट वर्थ बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है |”
दौलत फ़ाइल 14
अमीर लोग अपने पैसे का अच्छा प्रबधन करते हैं | गरीब लोग अपने पैसे का प्रबधन करते हैं |
घोषणा: “मैं बेहतरीन धन प्रबंधक हूँ |”
दौलत फ़ाइल 15
अमीर लोग पैसे से अपने लिए कड़ी मेहनत करवातें हैं | गरीब लोग अपने पैसे के लिए कड़ी मेहनत करते हैं |
घोषणा: “मेरा पैसा मेरे लिए कड़ी मेहनत करता है और मुझे ज्यादा पैसे कमाकर देता है |”
दौलत फ़ाइल 16
अमीर लोग डर के वावजूद काम करते हैं | गरीब लोग डर के कारण रुक जाते हैं |
घोषणा:
“में डर के वावजूद काम करता हूँ |”
“में शंका के वावजूद काम करता हूँ |”
“में डर के वावजूद काम करता हूँ |”
“में चिंता के वावजूद काम करता हूँ “|
“में असुबिधा के वावजूद काम करता हूँ |”
“में कष्ट के वावजूद काम करता हूँ |”
“में मूड न होने के वावजूद काम करता हूँ |”
दौलत फ़ाइल 17
अमीर लोग लगातार सीखते और विकास करते हैं | गरीब लोग सोचते हैं की वे पहले से ही सब कुछ जानते हैं |
घोषणा: “में लगातार सिखने और विकास करने का संकल्प लेता हूँ | “
नॉटपॉइंट: हर घोषणा के साथ इस घोषणा को भी दोहराएं
अपना सर छूके के कहें ” मेरे पास मिलिनिअर मस्तिष्क है !”
Conclusion
धन के ब्लूप्रिंट को जानने और अमीर लोगों की सोच कर समझने के लिए सीक्रेट्स ऑफ़ दी मीलियनेअर माइंड एक बहोत ही अच्छी पुष्तक है | आशा है आपको इसकी समरी पसंद आई होगी और काफी कुछ सिख मिली होगी |
इस पुष्तक में दी जानकारी और अच्छे से जानने के लिए इसे जरुर खरीद कर पढ़ें | निचे book link दी गयी है |