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10 Ways To Motivate Yourself Book Summary in Hindi | Steve Chandler

Motivate Yourself Hindi Summary
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ऐसा कई बार होता है जब हम कोई motivation video देखते हैं या, उस तराह की बातें सुनते हैं | तो हम पूरे जोस में आ जातें हैं | और सोच लेते हैं की अब पुरे लगन से अपने लक्ष्य पे काम करेंगें | पर कुछ ही दिन ही ये सारा जोश ठंडा पड़ जाता है | और हम पुराने रूटीन में वापस आ जातें हें |

ऐसा क्यों होता है ? क्यों बार बार मोटिवेशन की जरुरत पड़ती है ? ऐसा क्या करें की हम हमेसा मोटीवेट रहे ? Steve Chndler  अपनी book  10 Ways To Motivate Yourself  में 10 तरीके बताएं हैं | जिसे सही से follow करके आप हमेसा motivated रहेंगें | Motivate Yourself Hindi Summary वही 10 तरीकों बताया गया है जो आपको समझने में आसानी होगी |

1) सिमित समय (Limited Time)

कोई भी sport हो उसमें एक निर्धारित  समय सीमा होती है | खिलाडी उसी समय सीमा में अपनी पूरी जोश और मेहनत लगा कर खेलते हैं | पर जरा सोचिये अगर समय सीमा ना हो | और खिलाडियों को कहा जाये जितनी मर्ज़ी है खेलो असीमित समय है | तो क्या खिलाडियों को उतना जोश आयेगा खेल में ?

जवाब है नहीं ! क्योंकि उन्हें लगेगा वो जब चाहे अच्छे से खेल सकतें हैं | उनके पास काफी समय है |

बहोत से लोग ऐसे ही होतें हैं | उन्हें लगता है उनके पास बहोत समय है | इसीलिए वो जरुरी कामों को टालते रहते हैं | हमेसा कल पर टाल देतें हैं उन कामों को जो बहोत जरुरी होता है | ये एक कड़वा सच है की हम जितना सोचतें हें उतना टाइम नहीं है हमारे पास | उम्मीद से भी कम समय है हमारे पास |

इसीलिए ये बात ध्यान में रखें जो भी सपने पूरा करना उसे सिमित समय के अंदर ही करना होगा | कई लोग कहते हैं में एक दिन कुछ बड़ा करूँगा | वो एक दिन कभी नहीं आयेगा | अगर उसकी सुरुआत करनी है तो आज ही करें | अपनों से जो भी feeling share करनी है तो आज ही करें |

हर दिन को ऐसे जियें जैसे वो आखिरी दिन है | और अपने आखिरी दिन में क्या क्या जरुरी चीजों को करना चाहेंगें |कैसे जीना चाहेंगे, तो उन्ही जरुरी चीजों की लिस्ट बनाये और उसमे लग जाएँ |

जब ये बात हम ध्यान में रखते हैं की हमारा समय कभी भी ख़तम हो सकता है तो हम फालतू की चीजों की तरफ ध्यान नहीं देते | और पुरे जोश से उन चीजों में लग जातें हैं जो हमारे लिए जरुरी है |

2) नज़र को पुरस्कार की तरफ रखें (Eyes On Rewards) :

अगर आप से कहा जाये की जमीन पे रखी लकड़ी के टुकड़े पे चलके दिखाओ | तो आप आसानी से उसपे चलोगे | पर वही लकड़ी का टुकड़ा 20 मंजिला ऊपर दो building के बिच रख दिया जाये तो | क्या उसपे आप चल पाओगे ? उस वक़्त लकड़ी के टुकड़े से ज्यादा आपका ध्यान  नीचे गिरने पर होगा | लकड़ी का टुकड़ा वही है पर हमारा ध्यान किसपे रहती है वो ही decide करती है की हम गिरेंगें या नहीं |

तो ऊपर के उदहारण से ये बाताती है की ज्यादा तर लोग जब बड़ा कुछ करने की सोचते हैं | तो उसे वो पूरा नहीं कर पाते | या फिर सुरु ही नहीं कर पातें | क्योंकि उनका ध्यान success की तरफ नहीं | बलकी उसमे कहीं failure ना मिल जाए उसपे होता है | success से ज्यादा fear of Loosing पे होता है |

अपने डर और शंका से distract होने की वजाए हमे life में मिलने वाली success और खुसी की तरफ देखनी चाहिए |

अपना पूरा ध्यान उन Rewards पे लगायें, वो सफलता पे लगायें | जो आपको लक्ष्य पूरा करने पर, उस काम को खतम करने पर मिलेगा | उसमें आने वाली परेशानी और अडचनों पे ध्यान देने से बचें | डरे नहीं मेहनत से सारे बाधाएं पार हो जाती हैं |

3) सफल होने की भूख को जगाये रखना (Stay Hungry) :

आरनोल्ड जब हॉलीवुड में अपनी कदम जमा रहे थे | उसी टाइम ऑथर ने उनका interview  लिया था | ऑथर ने उनसे पूछा की body building के बाद आपका क्या plan है? तो आरनोल्ड ने जवाब दिया की वो हॉलीवुड के सुपरस्टार बनेगें |

इस बात से ऑथर को हसी आ गयी | पर वो अपने हसी को रोकते हुए पूछे ये आप कैसे करेंगें | क्योंकि उस वक़्त एक बड़ी body वाले लोग को एक्टर के रूप में लेना कोई पसंद नहीं करते थे | स्लिम बॉडी और चोकलेटी हीरो का चलन था उस वक़्त |

पर आरनोल्ड बिलकुल सांत तरीके से कहा: में उसी तरह से अपने सपने को पूरा करूँगा | जिस तरह से बॉडी बनाने का सपना पूरा किया | अपने vision को clear रखके और उसपे लगातर action लेके |

और आखिर कार आरनोल्ड की ये बात सच हो गयी | उनकी दूसरी मूवी टर्मिनेटर बहोत बड़ी हिट साबित हुयी और वो रातों रात स्टार बन गए | ऐसा हुआ इसलिए की आरनोल्ड को सफलता को पाने की भूख थी | वो हर वक़्त इसे सोचते रहते थे | और लगातार एक्शन लेते रहते थे |

जब हमें जोरो की भूक लगती है | तब हमे और कुछ नहीं सूझता | ना कुछ काम करने का मन करता है ना किसी और चीज में दिल लगता है | सिर्फ उस वक़्त खाना, खाना ही याद आता है | उसी तरह अपने अंदर सफल होने की भूक को जगाये रखे | हर वक़्त अपना ध्यान अपने goal पे रखे |

जितना आप अपने goal के बारे में सोचेंगे उतना ही ज्यादा आप action लेंगें | यही सफल होने की भूक आपको हमेसा motivated रखेगी |

4) खुदसे झूठ बोलना (Fake It) :

Fake It Until You Make It

झूठ बोलना गलत होता है | मगर इससे अगर अच्छे परिणाम मिलते हैं, तो इसमें बुरा क्या है | जैसा विचार होतें हैं, वैसे ही हम action लेतें हैं | अगर हम खुद को उतना काबिल नहीं समझेगें तो हम कभी वो मेहनत करने से कतरायेंगें जो सफल होने के लिए चाहिए |

अगर आपका मोटिवेशन कम हो रहा है | या खुद पर डाउट हो रहा है तो खुदसे झूट बोलें | खुश होने का एक्ट करें | तब आप सचमे अच्छा महसूस करने लगेगें | क्योंकि दिमाग reality और fake में फर्क नहीं कर पाता है | जैसा महसूस करेंगे वैसा ही हम act करते हैं |

हम सबमें कई कमियाँ और insecurity हें| लेकिन अगर उन कमियों को बार बार mind में repeat करेंगे तो वो कभी जायेंगें नहीं | उन कमियों ना सोच कर आप खुदसे झूट बोले | खुदको विशवास दिलाएं की आप बहोत काबिल हैं |

जैसे की आपको public speaking से डर लगता है | तो ऐसा बोले आप एक अच्छा public speaker हैं | खुदको public के सामने अच्छे speech देते हुए imagine करें |खुदको एक successful इंसान की तरह imagine करें |

एक फेमस कहावत है: “Fake It Untill You make It”  |

5) शांति के समय ज्यादा पसीना बहाना (Sweat in Peace Time) :

नेवी सील में ये कहावत है की “आम दिनों में ज्यादा पसीना बहाव, वरना जंग में ज्यादा खून बहाना पड़ेगा !”
इसिलए नेवी सील वालों को बहोत सख्त ट्रेनिंग दी जाती है | ताकि वो जंग के समय कठिन से कठिन परिस्तिथि का सामना कर सकें |

इसीका एक दूसरा उदहारण ये भी है | दंगल मूवी में गीता को लडको के साथ कुश्ती लड़ने के लिए कहा जाता है | वो लड़कों से लडती है और जीतती भी है | और यही मेहनत उसे असली प्रतियोगिता में उसके ओपोनेंट लड़कियों को हराने में मदद भी करती है | मोहम्मद अली भी ऐसे ही रणनीति अपनाते थे | प्रतियोगिता से पहेले वो अपने ओपोनेन्ट से कहीं ज्यादा ताकतवर खिलाडी के साथ प्राक्टिस करते थे | इससे दुसरे दिन रिंग में अपने ओपोनेन्ट के साथ मुकाबला आसान हो जाता था |

इसी बात से हमे ये सिख लेनी चाहिए की पहले मुस्किल घडी को डील करना शिखिये | तभी साधारण स्तिथि भी आसान हो जायेगी | अपनी खाली समय का सही उपयोग कीजिये | नयी चीजें सिखने में | अपनी काबिलियत को बढाने में | जो आपको भविष्य में बहोत काम आएगी | 

अगर आप अपना खाली समय बर्बाद ना करके अपने skills को बढ़ाने में लगायें तो आप life की कोई भी competition को face करने के लिए तय्यार रहेंगें |

6) अपनी हाथों में अपनी कमान लें (Push All Your Buttons):

एरोप्लेन कॉपिट में जहाँ पायलट बैठतें हैं, और बाहान उडातें हैं | वहां कई सारे बटन लगे होतें हैं | अगर पायलेट को ये पता ना हो की कोनसा बटन क्या काम करता है | तो क्या उस बिमान में यात्रा सुरुक्षित होगा ? नहीं ना !

उसी तरह हम भी अपने जीवन के पायलेट हैं | अलग अलग ट्रिगर्स होतें हैं जो हमें अलग अलग तरीके से impact करतें हैं , मोटीवेट करतें हैं | जैसे की कुछ गाने सुनकर हम उत्षाहित हो जातें हैं | और कुछ गाने सुनकर दुखी | कुछ दोस्तों की बातों से हम मोटीवेट हो जातें हैं और कुछ दोस्तों की बातों से डिप्रेस | ऐसे कई सारी चीजें या triggers होतीं हैं जो हमें अलग अलग emotion महसूस कराती है |

इसीलिए हमे इन सब triggers के बारे में पता होना चाहिए | मतलब खुदको अच्छे से जाने | ये पता लगायें की क्या चीज आपको मोटीवेट करती है और क्या चीज डिप्रेस करती है | और जब आप ये पता लगा लेगें तब आप उन triggers का इस्तेमाल करके खुद को motivate रख पायेंगें |

7) अपनी कामों या टास्कस का ट्रैक रेकॉर्ड बनाना (Keep Your Track Records):

जब ऑथर एक सेमिनार दे रहे थे | तब उसके ख़तम होते ही एक इंसान उनके पास आया | और बताया की, वो कोई भी काम सुरु तो कर देता है, पर ख़तम नहीं कर पाता है | इसका कोई हल बताईये | में ऐसा क्या Affirmation बोलूं जिससे ये परेसानी ख़तम हो जाए | तब ऑथर ने कहा कोई भी Affirmation से इसका हल नहीं निकलेगा |

उनहोने कहा, परेसानी आपके बिलीफ सिस्टम में है | आपका बिलीफ सिस्टम कमजोर हो गया है | इसे मज़बूत करने के लिए आप खुदको छोटे छोटे और आसान काम दो | और उन कामो में से एक काम को ख़तम करो | जैसे ही वो काम ख़तम हो जाए उसे पेपर में लिख कर टिक मार्क लगा दो | जिससे आपको पता चले की आपने उस काम को ख़तम कर लिया है |

उसी तरह जब दुसरे कामों को ख़तम करतें हैं तो उसे भी टिक मार्क लगा लें | इससे आपका विलिफ सिस्टम मज़बूत होगा | और आपको ये अहसास होगा की आप काम ख़तम कर पाने की काबिलियत रखते हो |

बस इससे आप आगे बड़े-बड़े काम भी ख़तम कर पाओगे | और आपकी समस्या सुलझ जाएगी | और ये तकनीक उस व्यक्ति को बहोत काम में आई | वो धीरे धीरे सारे बड़े बड़े प्रोजेक्ट ख़तम करने लगा |

जब हम कोई काम को ख़तम होते देखतें हैं, छोटे छोटे ही सही पर ये हमे और ज्यादा प्रोत्षाहित करती है , बाकीके हिस्से को ख़तम करने के लिए | इसिलए अपने बड़े गोल को छोटे छोटे कामों में बाट कर लिख लें  | और एक एक करके ख़तम करना सुरु करें और टिक लगातें जाएँ |

सच तो ये है छोटी छोटी सफलता से ही बड़ी सफलता बनती है | एक बार में कोई बड़ा success नहीं मिल जाता | जब आप अपने छोटी छोटी सफलता का track record रखते हें | तो यही record आपको motivate करती है बाद में जब आप नीरास या low महसूस करते हैं | ये आपको आपकी ability को याद दिलाती है और आप फिरसे recharge हो जाते हैं | 

8) अपनी ज़िंदगी को आसान बनाएं (Simplify Your Life):

आपके जीवन के लक्ष्य सरल और सटीक होने चाहिए | जिसे आप पूरा ध्यान लगा के हासिल कर सकें | अगर एक से ज्यादा goal होंगे, तो आप बार बार distract होंगें | और confuse हो कर कुछ भी नहीं कर पायेंगें | कई सारे काम और लक्ष्य हमें complicated बना देती है |

हम ज्यादा तर अपने जीवन में कुछ ऐसे कामो से भर लेते हैं जिसकी जरुरत भी नहीं होती | जिस वजह से हम सिर्फ परेसान होतें हैं | इसीलिए सटीक और सरल लक्ष्य बनाएं | और गैर जरुरी कामों को अपने लिस्ट से हटातें जायें |

Simple और सही goal ही हमे motivated रखता है | फिर टालमटोल से किये बिना हम पूरा ध्यान आने लक्ष्य पे लगा पाते हैं |

9) लॉस्ट गोल्ड के लिए देखो (Look For Lost Gold)

जब हम खुस होतें हें तो चारो और खुसी और अच्छी चीजें नज़र आती है | और जब दुखी और निरास होतें हैं तो फिर हमें लोग बुरे और स्वार्थी लगने लागतें हें | ऐसा क्यों होता है ? ये हम पर निर्भर करता है की हम बाहार क्या देखना चाहतें हैं | हमे गोल्ड देखना है या धुल |

कहने का मतलब ये है की हमारे जीवन में चाहे जितनी भी परेसानियाँ हो | जैसे भी हालात हो, हमे जीवन को एक सकारत्मक नज़रिए से देखनी चाहिए | कमल का फूल भी कीचड़ में खिलता है | उसी तरह परेसानियाँ जितनी भी हो उसके पीछे कुछ ना कुछ Opprtunity भी छुपी होती है | हमे उन Opprtunity को पहचान कर उस पर काम करना चाहिए |

10) अनपेक्षित का स्वागत करें (Welcome The Unexpected)

ज्यादातर लोग ये सोचतें हैं की दुसरे ज्यादा Creative हैं | और खुदमें कोई खास गुण नहीं | और वो ये भी सोचते हैं creative होने का मतलब कुछ नया create करना | पर ये सच नहीं है, बलकी कोई भी काम को अपने तरीके से करना ही creativity कहलाती है | 

सच ये है हम इस Creative यूनिवर्स की Creation हैं | और हर किसी में कुछ न कुछ खास गुण होती ही है | इसीलिए खुद को दूसरों से कम ना समझे | अपने उस खास गुण को जाने और उसे विकशित करें |

अगर आप मान लें की आप creative है तो life की challenge को अपने हिसाब से deal करने का तरीका ढूंड ही  निकालेंगें |

Conclusion सारांस

आशा है आपको ये आर्टिकल अच्च्छी लगी होगी | अगर आप कोई सुझाव या विचार बताना चाहे तो निचे कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं |

धन्यवाद !

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