Introduction परीचय
बचपन से हमे ये सिखाया जाता है की हमें दूसरों से अच्छे से बर्ताव करनी चाहिए | दूसरों को सम्मान और प्यार देना चाहिए | तभी लोग हमे पसंद करेंगे और अपनाएंगे | पर हमे कोई ये नहीं सिखाता की हमे खुदको भी पसंद करनी चाहिए, खुदसे प्यार करनी चाहिए |
Self Love क्या है?
Self love खुद से प्यार करना, खुदका सम्मान करना, खुदको स्वीकार करना होता है | जैसे हम दूसरों को प्यार और सम्मान करते हैं, वैसे ही खुदसे प्यार करना और सम्मान करना ही Self Love है |
Self Love क्यों जरुरी है?
- ये हमारे अंदर सकारत्मक मानशिकता बनाता है | हम ज्यादा positive रहते हैं |
- हम mentally और emotionally relax और खुस रहते हैं |
- जो लोग दुखी रहते हैं, या depression से गुज़र रहे होतें हैं उनके लिए, ये एक treatment की तरह काम करता है | Self Love उन्हें उनके तकलीफ से बाहार लाता है |
- अगर हम ये उम्मीद करते हैं की लोग हमे प्यार करे तो पहले हमे खुदको प्यार करना होगा | क्योंकि हम वही अपने जीवन में आकर्शित करेंगे जो हम हैं | इसिलए खुसी के लिए, प्यार के लिए पहले खुद को अपनाना होगा | खुदसे प्यार करना होगा |
लोग खुद से प्यार क्यों नहीं कर पाते?
इसके कई कारण हो सकते हैं | अभी के समय में खुदको कम समझना, negative समझना बहोत common हो चूका है | अगर कोई खुदको प्यार करता है, तो उसे selfish कहा जाता है, पर ये सच नहीं है |
लोगों की ये common सोच खुदको दूसरों से तुलना करना ही मुख्य कारण है खुदसे प्यार ना करने की | हर कोई एक दूसरों से compete करता रहता है बेहतर बन्ने की | और यही उन्हें खुदको उतना पसंद ना करने की वजह देता है |
बचपन में हुयी परवरिश भी एक कारण होती है | अगर किसी बच्चे को बचपन में प्यार और प्रोसाहन मिला हो तो वो बच्चा खुदको लायक समझता है | वो खुदको पसंद और दूसरों के प्यार के काबिल समझता है | पर अगर बच्चे को बचपन में उतना प्यार ना मिले और दूसरों से डांट, फटकार और तुलना ही मिला हो तो वो खुदको अच्छा नहीं समझता | बड़ा होने के बाद भी अगर उसे प्यार भी मिले तो वो अबचेतन रूप से यही समझता है की वो इसके लायक नहीं है |
जीवन में हो रहे बुरे घटनाएं भी और एक कारण भी हो सकता है | जब किसी के साथ बार बार बुरा होता जाता है | तब वो सोचने लगता है की वो अच्छा नहीं है, उसकी किस्मत अच्छी नहीं है | अगर वो अच्छा होता तो उसके साथ बुरा क्यों होता | और यही उसके लिए खुद के लिए प्यार को कम और ख़तम कर देता है |
पर अच्छी बात ये है की हम इस mentality को बदल सकते हैं | चाहे हालात कैसी भी हो, चाहे कितनी भी कठिन जीवन हो | हर स्तिथी सुधर जाती है | कुदरत कोई भी चीज ऐसे बेकार नहीं बनाती है | हर चीज इसकी अनमोल देन है | और हम इंसान इस सुंदर प्रकृति की अनमोल चीज हैं | बहोत खास हैं हम, इसीलिए खुदसे प्रेम करें | अपनी नजरिया बदल कर हम खुदसे प्यार करना सिख सकते हैं |
खुदसे प्यार कैसे करें?
जैसे रौशनी देने से पहले दिया को रौशन होना जरुरी है | उसी तरह दुसरो से प्यार और सम्मान पाने से पहले, खुदको प्यार और सम्मान करना जरुरी है |
कुछ बातों पे ध्यान दे कर आप खुदसे प्यार करना सिख सकते हैं | और जैसे दुसरे skill को हम practice करके अच्छा करते हैं | उसी तरह self love भी बार बार practice से आदत में लाया जा सकता है |
1) खुदकी कमियों और खूबियों को जाने
ये बहोत जरुरी है | हर इंसान चाहे वो जिस भी स्वाभाव का हो, उसमे कुछ खूबी और कुछ कमी होती है | अपनी कमजोरियों को मानने में कोई बुराई नहीं है | उसे अपना कर उसे ठीक किआ जा सकता है | ऐसा नहीं है की में जैसा हूँ वैसा ही अच्छा हूँ | और अपने कमियों का घमंड करो की जिसे पसंद हो वो ऐसे ही अपनाये मुझे | नहीं अपनी कमी को जान कर उसपर काम करके आप खुदका ही better version बन सकते हो |
उसी तरह हर इंसान में अच्छी खूबियाँ होती है | उसपे काम करें और अपनी काबिलियत को और निखारें | जिससे फिर आपका आत्मविश्वास बढे और आप और ज्यादा grow कर सको, खुस रह सको |
2) अपने अतीत के गलतियों से बाहार निकले और आगे बढ़ें |
हर इंसान के साथ कुछ ना कुछ बुरा घटा ही होता है | और कई लोग इस अतीत के दुखो में घिरे रहते हैं | पहले तो अतीत के उस घटना को स्वीकार कर लें | जो हो गया वो हो गया, उसे आप बदल नहीं सकते | इसे स्वीकार कर आगे बढ़ जाएँ और ये सोचे की बर्तमान को कैसे बेहतर किआ जा सकता है |
क्योंकि इंसान का अगर पूरा control है तो सिर्फ उसके बर्तमान पे है | इसीलिए खुदको अतीत के दुखो में डूबने ना दें | आज में जीना सीखे और एक सुनहरे जीवन का निर्माण करें |
3) उन लोगों से दुरी बनाये जो आपको नीचा दिखाते हैं, खुदके लिए कदम उठाएं |
हम उन लोगों के average हैं जिनके साथ हम ज्यादा समय बितातें हैं | अगर कोई आपको हमेसा बुरा बोलता है, आपको किसी लायक नहीं समझता तो आप कहीं ना कहीं खुदको ऐसा समझने लगोगे | वैसे ही अगर कोई आपको प्रोशाहित करता है, आपमे positivity भरता है तो आप का आत्मविश्वास बढेगा |
इसीलिए खुदको बुरे यानि यानि toxic लोगों से दुरी बनाएं | और खुदको अच्छे लोगों के समूहों से जोड़ें |
4) अपना ध्यान रखना Take Care Of Youself
किसीको खुस करने के लिए हम अच्छे से तय्यार होते हैं, अपना लुक पर ध्यान देते हैं | पर जब कोई नहीं होता तो हम अपना बिलकुल care नहीं करते हैं | हम जैसे रहते हैं, जो खाते हैं उससे हमारे मूड पर असर होता है | इसिलीए अपनी सेहत, अपनी खाने पिने का ध्यान रखें | अच्छा और सेहतमंद खाना खाएं | खुदको साफ़ सुथरा और अच्छे से dress up करें | जिससे आप अच्छा और confident महसूस करेंगे | और आपका मूड भी अच्छा रहेगा |
साथ ही साथ कुछ exercise करना, meditation और प्राणायाम करने से आपके body में फुर्ती आएगी | जिससे फिर आपको अच्छा महसूस होगा | अच्छी और positive बातें बोले, affirmations को दोहराएं जिससे आपका self esteem बढेगा |
5) नकारात्मक बातें बोलना छोड़ें और gratitude की pratice करें |
हम कई बार खुदको नकारत्मक बातें बोलते रहते हैं | मेरे से नहीं होगा, में उतना लायक नहीं हूँ, में उतना अच्छा नहीं दीखता | और यही बातें हमे कमजोर बनाती रहती है और हमे डराती रहती है | इसिलए negative self talk की आदत छोड़ें |
जीवन में क्या बुरा चल रहा है अगर उसी पे ध्यान देते रहना, ये हम इंसानों की बुरी आदत है | जब हम उसी पे ध्यान देते रहेंगे तो हमे ऐसा लगेगा जैसे जीवन में कुछ अच्छा नहीं है | पर ऐसा कभी हो ही नहीं सकता | हर किसी के जीवन में कुछ ना कुछ अच्छा तो होता ही है | बस हमे अपनी नजरिए को बदलने की देरी है | उस तरफ ध्यान दीजिये जो अच्छी चीजें अभी आपके साथ है | उससे खुस रहिये और कुदरत का धन्यबाद कीजिये |
क्योंकि जितना आपके पास है अगर उससे आप खुस नहीं हैं | तो क्या guarantee है की, उससे ज्यादा आपको मिल भी जाए तो आप खुस हो जाओगे | क्योंकि जैसे ही इंसान की एक इच्छा पूरी हो जाती है, उसके बाद वो एक और इच्छा बना लेता है |
इसीलिए जो आपके पास है पहले उससे खुस होना सीखिए | हो सकता है उतना भी किसी और के पास ना हो | इसीलिए हर छोटी से छोटी खुसी के लिए कुदरत का धन्यबाद करें | जितना आप धन्य महसूस करेंगे, उतना ही आप खुसी की और बढ़ेंगे |
6) खुदकी आलोचना ना करें | खुदको Appreciate करें |
सबसे बड़ी गलती हम करते हैं वो है खुदकी आलोचना करते रहना | बार बार अतीत में किये गलती को लेकर दुखी होते रहना, और खुदको बुरा बोलते रहना | और यही हमे खुद से प्यार करने नहीं देता | जब हम बार बार खुदकी आलोचना करतें हैं तब हम अपनी नज़रिए से गिर जातें हैं | इसीलिए हम अपने आपको पसंद नहीं करते हैं |
कोई भी इंसान perfect नहीं होता | खुदकी गलतियों से सीखे, पर बार बार खुदको दोष ना देते रहैं | खुदकी अच्छाईयों की लिस्ट बनायें और खुदको अपनी अच्छाईयाँ याद दिलाते रहें | अच्छी बातें और positive affirmations आपका self esteem बढ़ाएगा और आपको खुद से प्यार करना सिखायेगा |
Conclusion सारंस
हमारे जीवन में कई लोग और रिश्तें आते और जातें हैं | पर अगर कोई हमारे साथ रहता है जीवन भर वो हैं हम खुद | जब से आप हो और जब तक आप रहोगे, आप के साथ आप ही रहोगे | इसीलिए खुदसे प्यार करना सीखें और खुद को स्वीकारें |
एक ही तो जीवन मिला है, इसे प्यार से जीयें | तो खुद ही प्यार बने, और फिर आपके तरफ प्यार और खुशियाँ ऐसी खिचीं चली आएगी जैसे magnet की तरफ लोहे का सामान |
खुस रहिये, God Bless You !
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