2 Birds Motivational Story in Hindi
एक बार एक आदमी दो पक्षियों को खरीद कर लाया और उसे प्रशिक्षण देने के लिए अपने माली को दे दिया |
कुछ दिन में एक पक्षी उड़ना सिख गया | पर दूसरा पक्षी एक डाली पर बैठा रहता था | हज़ार कोशिश पर भी दूसरा पक्षी उड़ना सिख नहीं रहा था |
तो माली ने उस डाली को काट दिया | जिसका परिणाम ये हुआ की दूसरा पक्षी भी उड़ना सिख गया |
ये देखकर मालिक ने अपने माली से पूछा: अचानक ऐसा कैसे हुआ? पहले तो दूसरा पक्षी उड़ ही नहीं रहा था और हम कितने परेशान थे |
तो मालि ने जवाब दिया की मैंने उस डाली को ही काट डाला जिसपे वो बैठा करता था | इससे दुसरे पक्षी के पास कोई और चारा नहीं बचा और वो पूरी कोशिस करके उड़ना सिख गया |
moral of the story:
पक्षी को उस डाली पर आराम मिलता था इसीलिए वो कभी उड़ना सिख ही नहीं रहा था | पर जब डाली कट गया तो वो उड़ना सिख गया |
उसी तरह हम भी अपने comfort zone से चिपके रहते हैं और अपने सपनो को, अपने लक्ष को टालते रहतें हैं | पर जब हम comfort zone से बाहार आना सुरु करते तभी हम अपने लक्ष की और बढ़ते हैं |
comfort zone में रहकर हम अपने सपनों को पूरा नहीं कर सकतें | इससे बाहार आने के लिए पूरी मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने की जरुरत है |
Elephant Rope Story in Hindi
एक बार एक आदमी एक हाथी शिविर से गुज़र रहा था | अचानक वहां ऐसा कुछ देखा जिससे वो चौंक गया | और वो रुकर इसकी वजह सोचने लगा |
उसने देखा बड़े बड़े हाथियों को एक बहोत ही छोटी और मामूली रस्सी से बाँध कर रखा गया है | जिसे वो आसानी से तोड़ सकतें हैं और आज़ाद हो सकतें हैं | पर वो ऐसा क्यूँ नहीं कर रहे हैं ?
इसका कारण जानने के लिए वो आदमी हाथी के महावत के पास गया और पूछा : इन हाथियों को जंजीर से क्यूँ बाँधा नहीं गया है या फिर इसे बड़े पिंजरे के अंदर क्यूँ रखा नहीं गया है ?
तभी महावत मुस्कुराया और बोला: जब हाथी बहोत छोटे होतें हैं तब उनको बांधने के लिए ये छोटी रस्सी काफी होती है !
उस वक़्त बच्चे हाथी बहोत कोशिश करते हैं, रस्सी को तोड़ने के लिए, पर वो तोड़ नहीं पातें हैं | और उनमे ये विश्वास बैठ जाता है की वो रस्सी उनसे कभी टूट नहीं सकती है |
बच्चा हाथी बड़ा तो हो जाता है पर वो अभी भी अपने पुराने विश्वास की वजह से वो रस्सी तोड़ने की कोशिश नहीं करता है |
**moral of the story
इस हाथी की तरह हम भी कुछ नकारात्मक विश्वास से चिपके रहतें हैं और अपनी क्षमता पर शंका करते हैं | कई प्रयास जब हार मिलटी है, तो सोचते हैं की मुझसे नहीं होगा | में उतना अच्छा नहीं हूँ, मुझमे वो गुण नहीं है |
ये सिर्फ और सिर्फ आपका नकारत्मक विश्वास है | इसे तोड़ दीजिये और खुद पर विश्वास जगाईये की आप में पूरी काबिलियत है | जो सपने आप देख सकते हैं, वो पुरे भी आप कर सकतें हैं |
असफलता अस्थायी होती है, पूरी कोशिशि से आप इसके पार चले जाओगे और कामयाब जरुर बनोगे |