YOUR EXISTING AD GOES HERE

Atomic Habits Book Summary in Hindi – James Clear | छोटी आदतें बड़े बदलाव

atomic habits summary
YOUR EXISTING AD GOES HERE

Atomic Habits Summary in Hindi

atomic habits summary, james clear atomic habits की हिंदी summary है | ये habits के ऊपर लिखी गयी बहोत ही powerful book है | इसमें कई सारे practical techniques और तरीके दियें गए हैं | जो अच्छी आदतें बनाने में और बुरी आदतें छोड़ने में मदद करती है |

ये माना जाता है की कुछ बड़ा achieve  करना है तो कुछ बड़ा करना होगा | बड़े बदलाव लाने होंगे| पर ये तरीका हमेसा कारगर नहीं रहता | Atomic Habits Summary में हम यही सीखेंगें की छोटे छोटे बदलाव कैसे जीवन को पूरी तरह बदल सकता है |

Daily 1% Improvement जो देगी जादुई परिणाम

jeff bezos atomic habits

जब एक दिन हम exercise करते हैं तो उसका कोई परिणाम नहीं दीखता | एक दिन अगर smoking करे तो उसे तुरंत कोई health issue नहीं होता | पर यही काम रोज़ रोज़ करने से कई महीनो में इसके बड़े बदलाव दिखने लगतें हैं | जब आप कुछ साल या कुछ महीनो बाद अपनी उस आदत को पीछे मुड कर देखतें हैं तो आपको उसका परिणाम साफ़ नज़र आता है|

Atomic Habit हमे ये सिखाती है रोज़ खुद में 1% बदलाव करें | अगर हम लगातार 1% बदलाव करतें रहेंगें तो साल के अंत तक 37% बेहतर बन चुके होंगें |

एक बर्ष प्रतिदिन 1 फीसदी ख़राब होना |    0.99 =००.03

एक बर्ष प्रतिदिन 1 फीसदी बेहतर होना |    1.01 =37.78

Behaviour में किस तरह के बदलाव ज्यादा असरदार होतें हैं ?

ऑथर कहतें हैं behaviour के 3 layer होतें हैं |

  1. Outcome Based (परिणाम आधारित)
  2. Process Based (प्रक्रियाएँ आधारित)
  3. Identity Based (पहचान आधारित )

पहला layer परिणामो को बदलने से होता है | वजन घटाना, book publish करना या कोई competition जितना | ज्यादा तर लोग इसी स्तर में बदलाव लाने पे ध्यान देते हैं |

दूसरा layer  process से जुडी होती है | जो अपने कामो में बदलाव लाते हें | जैसे नया रूटीन बनाना, अपना desk साफ़ करना ताकि अच्छे से काम में मन लगे |

तीसरा layer हमारी पहचान यानि identity में बदलाव लाती है | और यही हमे लम्बे समय में बहोत अच्छे परिणाम भी देती है | क्योंकि identity हमारे belief system से जुडी होती है | जब आप अपने बारे में क्या सोचते हैं जब उसे ही बदल लेते हैं | तो आपके आदतों में बदलाव automatic हो जाता है |

जैसे कोई अगर smoking की आदत छोड़ना चाहता है | और अगर वो Outcome based पे ध्यान दे रहा है | तो जब उसे कोई ciggarate दिया जायेगा | तब वो कहेगा में smoking छोड़ रहा हूँ | मेने कई दिनों से smoking नहीं की है |

उसी तरह अगर कोई identity based पे ध्यान दे रहा है तो वो कहेगा | नहीं में smoking नहीं करता | ये बहोत छोटा अंतर है | पर यही चीज आपके belief system को बदलती है | आपकी पहचान अगर smoking नहीं करना है | तो वो आसानी से आपकी आदत बन जाती है |

इसीलिए identity में बदलाव ज्यादा effective होता है कोई नयी आदत बनाने में | या फिर कोई बुरी आदत छोड़ने में |

Habit बनती कैसी है? Habit बनाने के 4 steps !

आदतें हमारे दिमाग के लिए short cut है | जो हम रोज़ करना चाहतें | जिसमे दिमाग को ज्यादा सोचना नहीं पड़ता और ज्यादा energy नहीं लगानी पड़ती है | उसी काम को automatic करने के लिए हम आदत बनाते हैं |

तो सवाल ये है की आदत बनती कैसे है? कोई आदत छोड़े कैसे ? तो पहेल सवाल का जवाब ये है : कोई भी आदत बनती है इन 4 steps से
1)Cue,  2)Craving, 3)Response, 4)Reward

cue (संकेत) वो चीज है जिससे दिमाग को कुछ याद आता है | Craving (ललक) जो मजबूर करता है action लेने के लिए | Response हमारा action होता है | और reward वो feeling है जो action लेने से मिलती है |

Example से समझते हैं: आपके phone में notification आया | वो हुआ Cue | आपको वो notification देखने की इच्छा हुयी |वो हुआ craving | जब आपने phone उठाया और message को देखा, तो ये हुआ response | message पढने के बाद जो महसूस हुआ वो हुआ reward |

जब आपको उस reward से अच्छा महसूस हुआ | तो जब भी आपका phone में notification आयेगा तो आप फिर से उसे check करेंगें | और ऐसे ही loop चलता रहेगा |

और इसी तरह के दोहराव वाले काम से ही हम कोई आदत को दाल लेते हैं चाहे वो अच्छी हो या बुरी | reward जितना ज्यादा satisfying होगा उतनी बार उस काम को आप करना चाहोगे |

4steps se banti hai adat

अच्छी आदत डालें कैसे ? और बुरी आदत छोड़ें कैसे ?

ऊपर हम आदत बनती कैसे है वो समझे | और यही steps से हम कोई आदत डाल सकते हैं | या छोड़ सकते हैं |
 अगर कोई अच्छी आदत डालनी है तो फिर इस तरह process को करना होगा :

  • Cue को  visible बनाना होगा : हर आदत एक संकेत से सुरु होता है | हम ज्यादातर उन सकेंतों समझते हें जो सामने हो | इसीलिए अच्छी आदतों के संकेत को स्पस्ट बनाएं | Example: अगर reading की आदत डालनी है तो book को सामने table या bed पे रखें |
  • Craving को attractive करना : जो काम जरुरी है उस काम को उस काम से जोड़ दें जिसे करना आपको पसंद है | रोनन बर्नी अपनी exercise को बढ़ाना चाहते थे | और netflix देखना उन्हें बहोत पसंद था | तो उसने अपनी साइकिल को लैपटॉप के साथ connect कर दिया | और ऐसी program बनाई, जब साइकिल को एक particular speed से चलेगा तभी netflix चलेगा | इससे उनकी exercise भी होती रही और entertainment भी |

वैसी ही आप अपनी आदत को attractive बना सकते हें | जैसे की आपको sales call करना है और                  facebook चलाना आपका मन है | तो ऐसे दोनों को जोड़ें | लंच टाइम के बाद 3 sales call करूँगा उसके        बाद facebook चलाऊंगा |

  • Response को easy बनाना होगा  : कोई  भी नयी आदत अगर करने में मुस्किल लगे तो उसे आप regular नहीं कर पाएंगे | जैसे exercise करने की आदत डालनी है | और पहले दिनसे 30 मं exercise करने का सोचेंगें तो मुस्किल लगेगा | तो सुरुआत छोटी और आसान रखें |

30min के वजाए 10 min का target रखें | reading करनी है तो पूरा 1hour का पढने का न सोच कर बस        एक पेज पढने का सोचें | action जितना आसां होगा वो काम का दोहराव उतना होगा | और फिर इसे                  आदत बनाना easy हो जायेगा |

  • Reward को satisfying करना होगा : कोई action के बाद जो खुसी या satisfaction मिलती है | वही हमे दुबारा उस काम को करने के लिए motivate करता है | Example: reading की आदत डालनी है | पर आपने अगर गलत book पढना सुरु कर दिया | और उससे आपको बोरियत लगी | तो फिर आप उस आदत को दोहराना नहीं चाहोगे | तो सही book का चुनाव ही और उस्से मिली सिख ही आपका reward होगा |

      उसी तरह अगर कोई बुरी आदत छोडनी  है तो फिर इस तरह process को करना होगा

  • Cue को invisible करना होगा : बुरी आदतों को रोकने का तरीका है, उसकी संकेतों को ही ख़तम कर दिया जाये | उन संकेतों को गायब कर दिया जाए |

Example: यदि आपका काम सही से नहीं हो पा रहा है | तो अपना phone दुसरे कमरे में रख दीजिये | जिससे फिर आपका पुरा ध्यान काम में लगे | TV देखने में अगर ज्यादा time बर्बाद हो रहा है तो TV को bedroom से निकाल दीजिये |

  • Craving को unattractive बनाना होगा : काम जब खुसी वाला ना हो तो दोहराव मुस्किल होता है | Example: अगर आप social media को बार बार खोलने की आदत से छुटकारा पाना चाहतें हैं | तो खुदके मन में वो बातें याद करनी होगी की कैसे ये आपका समय बर्बाद करता है | कैसे आपके कम मार्क आये थे Exam में |
  • Response को difficult करना होगा : जब हम काम को मुस्किल कर देते हैं तो उसे करने का मन ही नै करता | जो app से आपका ज्यादा समय बर्बाद होता है | और उसका इस्तमाल छोड़ना चाहतें हैं तो | उसे खोलने के लिए एक लम्बा complicated password लगा दें | जिससे की उस app को खोलने में ज्यादा time लगे | तो आपको फिर उसे खोलने में मेहनत लगेगा | और इससे उसका इस्तेमाल बंद हो जायेगा |
  • Reward को unsatisfying बनाना होगा : ऐसा दोस्त या family member जो आप को याद दिलाता रहे | की इस आदत से आपको कितना नुकसान झेलना पद सकता है | या फिर खुदके के लिए कोई punishment रख के | अगर ये काम किये तो आप अपने दोस्त को कुछ पैसे दोगे | जिससे फिर आपका नुकसान होगा | तो फिर ये आदत दोहराने का मन नहीं करेगा |

नयी आदतों को automatic कैसे करें ? Environment का असर कैसे होता है आदतों पर ?

हमारे लिए कोई आदत बनाने के लिए या बदलने के लिए, Motivation से ज्यादा असरदार होता है हमारा environment | environment के पास ऐसे invisible हाथ होतें हैं जो इंसान के behaviour को बहोत ही आसानी से बदल सकती है |

अगर कोई खाने की चीज पैक करके अंदर राखी गयी हो | तो उसे जल्दी नहीं खाते हैं | पर अगर कोई खाने की चीज kitchen के platform पे हो | या fridge मे हो तो हम चलते फिरते उसे खाते जाते है |

इसीलिए कोई भी आदत डालनी है तो हमे अपने आस पास की environment भी बदलाव लाना होगा | जैसे की अगर आप ज्यादा पानी पिने की आदत डालना चाहतें हैं तो पानी की बोटोलों उन जगह पे रख दें | जहाँ आप ज्यादा जाते हैं |

अगर रात की दवाई खाना भूलना नहीं चाहतें हैं | तो दवाई को अपने bed के पास रखें | reading की आदत डालनी है तो book को वहां रखें  जहां आप आसानी से उठा सकें | जो सामने दिखती उसी पे ध्यान जाता है | फिर वो काम automatic होने लगता है |

चाहे हर इंसान की अलग अलग सोच हो, personality हो | पर अलग अलग माहोल में सबकी बरताव एक जैसे ही होती है | जैसे की church में फुसफुसाकर बातें करना | अँधेरे और सुनसान सड़कों पर alert और सुरक्षित  चलना | ये सब आदत हमारी बाहरी दुनीया का असर होता है | हम अपने आस पास की दुनीया से बदल जाते हैं |

आदतें 3 Groups से बनती है !

हम ज्यादा तर 3 groups की आदतों की नक़ल करते हैं :
1) करीबी समूह ( Close Group),
2) बड़ा समूह ( The Many),
3) ताकतबर लोगों का समूह (The Powerful Group)

हम वो सारे आदतें जल्दी डाल लेते हैं जो हमारे नज़दीकी लोगों में होती है | उन आदतों को हम अपनाना पसंद करते हैं  जो कई सारे लोग follow करते हैं या फिर Powerful लोगों में होती है |

इसीलिए अच्छी आदतों को बनाने का बेहतरीन तरीका है : ऐसे groups से जुडे जिसमे ये आदतें common हो  | जब किसी आदतों को सम्मान और तारीफ मिलती है तो वो आदत ज्यादा attractive लगता है | और उसको अपनाना स्वभाविक हो जाता है |

Practical Tips आदतों को automatic और आसान करने के लिए !

  • पहले से बनी आदतों से इसे जोड़ें | मतलब कुछ काम हम daily करते हैं | उसी लिस्ट में नयी आदत भी शामिल कर लें | जैसे नास्ते के बाद reading करना | या सुबाह brush करके meditation करना | यहाँ reading और meditation नयी आदतें हैं | जिसे आप रोज़ के काम के बाद जोड़ दें तो ये आसानी से हो जाएँगी |
  • आदतों को एक समय और location जोड़ दें | जब हम कोई काम रोज़ उसी समय पे करते हें तो वो आसानी से हमारी आदत बन जाती है | तो नयी आदत को भी रोज़ उसी समय पे करें |
  • 2 min rule वाला हैबिट बनाये | जो काम में कम मेहनत और ज्यादा reward मिलता है | हम उस काम को बार बार करते हैं | अच्छी habit जैसे pushup लगाना या reading करना | तो रोज़ 10 pushup या 10 page पढने के वजाए | बस 2 min में जितना हुआ उतना करने का goal रखें | जिससे आपको वो काम करना आसान हो जायेगा | और कुछ दिन बाद और ज्यादा करने भी लगोगे |
  • आदतों का score card बनाएं | अपनी वर्त्तमान आदतों को लिखे | ताकि आप उसके प्रति सचेत हो |
  • आप अपने आदतों का track record बनाएं | जब हम कोई चीज progress होते हुए देखतें हैं तो हमारा confidence बढ़ता है | और हम उस काम को बार बार दोहरातें हैं | जैसे कितना page reading किये ? या कितना calorie burn out हुआ exercise से ?
  • अच्छी हैबिट में reward देर से मिलता है | और हम इंसान तुरंत मिलने वाली reward के पीछे जाते हैं | इसिलिए आप अपने अच्छी activity के लिए खुदको छोटा छोटा reward दें | जिससे वो activity को दोहराना में मजा आयेगा |

           “Habits are the compound interest of self improvement”James Clear

Summary

Atomic Habits Summary  से आपने शिखा: कैसे हम रोज़ बस 1% improvement करके remarkable results हासिल कर सकते हैं ? आदतें कैसे बनती हैं? अच्छी आदतें बनाने के कई practical तरीके !

ऐसी बहोत सारी बातें जो सच में बहोत helpful है जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए आप एटॉमिक हैबिट बुक से शिख पायेंगें | atomic habits hindi summary में, उसी में से कई बातों को हमने बताई है | आशा है आपको ये summary पसंद आई होगी | अगर आपका कोई सुझाव या विचार है तो निचे comment में जरुर बताएं |

क्या आपने Atomic Habits book पढ़ी है ? कोनसी बात आपको बहोत अच्छी लगी ? अगर atomic habits summary कुछ बातें छुट गया हो या कुछ त्रुटी हो तो जरुर बताएं |

धन्यबाद !

पूरा book पढने के लिए निचे दिए गए link खरीद सकते हैं :
Buy atomic habits book (english version)
Buy atomic habits book (hindi version)

Habits से जुडी अन्य summary

Motivation को फैलाएं