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द पावर ऑफ़ हेबिट The Power of Habit Book Summary in Hindi | Chales Duhigg

The Power Of Habit Book Summary in hindi
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The Power of Habit Summary in Hindi

Chales Duhigg की लिखी The Power of Habit एक ऐसी book है जो habit से जुडी बहोत सारी रोमांचकारी तथ्य, बातें बताती है | यह पुष्तक 100 से भी अधिक शौक्षिकअध्ययनों, 300 से अधिक बैज्ञानिकों और अधिकारीयों तथा दर्जनों कंपनियों पर किये गए शोधो पर आधारित है |

habits क्या है और कैसे लोग, organisation, समाज़ पे इसका प्रभाब पड़ता है? कैसे नयी आदतें बनायीं जाती है ? कैसे जरुरत के हिसाब से आदतों में बदलाव लायी जाये? इन सभी तथ्य को लेखक इस Power Of Habit में बहोत अच्छे से उदाहरण के साथ बतायें हैं | और हम इस आर्टिकल Power Of Habit Hindi Summary में हैबिट से जुडी उन बातों को बताने की कोशिस की है |

The Power of Habit किसे पढनी चाहिए?

जो लोग अपने जीवन में बेहतर बदलाव चाहतें हैं | जो अपनी personal और professional जिंदगी में सफल और खुश होना चाहतें हैं | उनके लिए ये book एक ideal की तरह काम करेगी |

जो लोग जाने अनजाने बुरी आदतों के शिकार हैं पर लाख कोशिशों के बाद भी वो अपनी आदत को छोड़ नहीं पा रहे हैं | तो ये पुष्तक उन्हें अपनी बुरी आदत से छुटकारा पाने के लिए दिशा देगी |

जो नयी आदतें बनाना चाहतें या अपनी आदतों को और बेहतर करना चाहतें उनके लिए ये book कारगर साबित होगी |

इस book में लोगों के personal habits के साथ साथ काम से जुडी habits पे भी focus डाली गयी है | इसीलिए ये book सबके लिए एक ideal है जो अपनी habits में बदलाव लाना चाहतें हैं चाहे वो किसी भी क्षेत्र में क्यूं ना हो |

इस पुष्तक को 3 भागों में बाटां गया है :

  1. individual habits : व्यक्तिगत जीवन में आदतें कैसे उभरतीं हैं ? नए आदत बनाने की तरकीब क्या है ?
  2. organizations habits : सफल कम्पनी और संगठन की आदतें कैसी होती हैं ?
  3. societies habits : समाज की आदतें कैसी होती हैं और उसका प्रभाव क्या असर करता है ?

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लेखक के विषय में

The Power of Habit के लेखक हैं चाल्स डूहिग | वो एक अमेरिकी पत्रकार और नॉन-फिक्शन लेखक हैं | वे The Newyork Magazine में काम कर चुकें हैं | वो आदतों(habits) और उत्पादकता(productivity) जैसे विषयों पे दो किताबें लिख चुके हैं |

और वो किताबें हैं ‘द पॉवर ऑफ़ हैबिट'(The Power Of Habit) और ‘स्माटर फास्टर बेटर'(Smatter Faster Better) | The Power of Habit के जरिए न्यूयॉर्क टाइम्स पुरस्कार विजेता चाल्स डूहिग हमें आदतों के वैज्ञानिक अध्ययन की ऐसी दुनिया में ले जाते हैं, जो न सिर्फ रोमांचकारी है बल्कि बेहद आश्चर्यजनक भी है |

Chapter 1. आदतों का फंदा (आदतें कैसे विकसित होती हैं)

हम इंसान रोज़ मर्रा के कई काम automatic करते हैं जैसे ब्रश करना, नहाना, नास्ता करते करते TV देखना या newspaper पढना | कुछ काम इतने automatic होतें हैं की जाने अनजाने हम उस काम को रोज़ दोहरातें हैं | और ऐसे लगातार काम को आदतें कही जाती है |

काम करने के क्रम को एक automatic routine में बदलने की पक्रिया को chunking कहा जाता है | ये सभी प्रकार की आदतों का आधार है | आदतें हमारे दिमाग की energy बचाने और सभी कामों को कुशलता पुर्बक करने में मदद करती है |

पेहले पेहले कोई भी मुश्किल कम करने में ज्यादा मेहनत और ज्यादा दिमाग की खर्च होती है | सुरु सुरु में हमे ज्यादा ध्यान लगाना पड़ता है और ज्यादा मेहनत भी करनी पड़ती है | पर जैसे जैसे हम उस काम को दोहरातें हैं तब हमें उस काम की आदत पड जाती है | और कम मेहनत और ध्यान लगा के भी वो काम हो जाता है |

एक research से ये पता चला है की ज्यादातर हमारे दिन भर के काम में से 40% काम हम अपनी आदतों के हिसाब से करते हैं |

आदतें बनती कैसी हैं?

किसी भी प्रकार के हैबिट को तीन भागों में बाटां जा सकता है:

  1. Cue इशारा
  2. Routine नियमित क्रिया
  3. Reward इनाम

cue या इशारा वो हटा जो किसी आदत की याद दिलाता है | जैसे ही आलार्म बजता है आप झट से जाग जाते हो | आपका दिमाग आपको अलर्ट कर देता है | आलार्म बजना और आपका जागना cue हुआ |

Cue मिलते ही आप जो काम को करते हो उसे routine कहा जाता है | जैसे की आप आलार्म बंद करके बिस्तर से उठ जाते हो और बाथरूम की और चले जाते हो, और ब्रश करने लगते हो, ये आपका नियमित क्रिया या routine हुआ |

बाथरूम ब्रश करना और उसके बाद जो fresh आप महसूस किये वो आपका reward हुआ | तो काम करने के माद जो feeling आती है उसे reward कहा जाता है |

कोई भी आदत Cue->Routine->Reward इसी loop में चलती है | और ऐसे ही आदत बनती है |

Chapter 2. मस्तिष्क की इच्छा (नयी आदतें कैसे विकसित करें?)

हम कोई भी काम या आदत तभी करते हैं जब हमे उस काम के लिए craving या इच्छा होती है | आदतें इशारे और इनाम के लूप से चलती है | और इच्छा से ही आदतों के फंदे का का निर्माण होता है |

बड़ी बड़ी कंपनियां अपना product बेचने में तभी सफल हो पातें हैं जब वो लोगों के अन्दर उस product को इस्तेमाल करने की इच्छा को जगा देतें हैं | उस इच्छा को किसी इशारे और मिलने वाले इनाम से जोड़ देतें हैं | तब जाके लोगों को उस चीज की आदत लग जाती है |

पेप्सोडेंट को जब नया नया बाज़ार में बेचने के लिए लाया गया, तब इसे ग्राहकों की उस इच्छा से जोड़ा गया जो ब्रश करने के बाद एक सिहरन और ताजगी का एहसास दिलाती है | अगर लोग ब्रश करना भूल जाये तब उन्हें उस सिहरन की याद आती है | और उसे पाने के लिए लोग रोजाना ब्रश करने लगे | जिससे उनके दांत स्वस्थ भी रहने लगे और पेप्सोडेंट कंपनी पुर विश्व में बड़ी कंपनी भी बन गयी |

आदत इच्छा से बनती है | इसीलिए इच्छा पैदा करने की तकनीक समझ आने के बाद नयी आदतों को विकसित करना आसान हो जाता है | दुनिया में करोड़ों लोग केवल सिहरन मेहसूस करने के लिए ही हर रोज़ अपनी दांत साफ़ करते हैं | हर सुबाह करोड़ों लोग अपनी जॉगिंग वाले जुते पहनकर जॉगिंग करते हैं क्यूंकि उनमे जॉगिंग से होने वाले एंडोर्फीन के संचार की इच्छा पैदा हो चुकी होती है |

नए आदतें कैसे बनायें ?

अगर आप किसी आदत को बनाना चाहतें है तो उसे एक इच्छा से जोड़ दीजिये | आप को वो आदत क्तोयूँ बनाना है उसे क्यूँ पाना चाहतें हैं उस बात को clear करें | तभी आप उस नए आदत की सुरुआत कर पाएंगे | उदहारण के लिए आप रोज़ walking आदत डालना चाहतें हैं | तो इसके पीछे की इच्छा क्या है? क्यूंकि इससे आप fresh महसूस करना चाहते हैं और आप healthy रहना चाहतें हैं |

और इसके साथ उस आदत के लिए ऐसे cue रखे जो simple, साफ़ और सीधा हो | जैसे की सुबह उठकर soes पहना और walk के लिए निकल जाना | तो cue आपका सुबह का time और सामने रखी soes हो सकती है |

इसके साथ ऐसे reward रखें जो बिलकुल clear हो | और उस reward को आप सच में पाना चाहतें हों | उदहारण के लिए walk से आते ही आपका favorite smoothi बनाके पीना या कोई favourite game खेलना |

Chapter 3. आदत परिवर्तन का सुनहरा नियम (परिवर्तन क्यूँ होता है?)

किसी आदत को पूरी तरह से छोड़ा नहीं जा सकता है | खासकर किसी बुरी आदत को छोड़ना मुस्किल होता है | पर अच्छी खबर ये है की किसी भी बुरी आदत को एक अच्छी आदत से बदला जा सकता है |

आदत बदलने का सुनहरा नियम ये है की cue और reward को समान रखते हुए बस routine को बदल दें |

उदाहरण स्वरुप कई लोग जब तनाब में होतें हैं तब वो सिगरेट या शराब पिने लगतें हैं | क्यूंकि सिगरेट या शराब के बाद मिलने वाली relaxtation ही उनका reward होता है | तो ऐसे में जब कोई तनाब वाली परिस्तिथि आती है तब उन्हें सिगरेट या शराब पिने की लालसा होती है |

तो इस लत को छुड़ाने के लिए researcher ने उन लोगों को ऐसी activity करने के लिए कहा, जिससे उन्हें same तरह की relaxtation मेहसूस हो | और वो activity था meditation या push up करना या फिर किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना जिससे उन्हें अच्छा लगे |

ऐसे कई research में लोगों की बुरी आदतों को अच्छी आदतों से बदला गया है और लोग एक बेहतर जिंदगी जीने में सफल हुए हैं |

तो अगर आप कोई आदत को छोड़ना चाहतें हैं, तो उस आदत के इशारे को पेहले समझे की, कब उस आदत की लालसा होती है | और इस आदत को दोहराने के बाद कैसा मेहसूस होता है | तब उस इशारे और इनाम को समान रखते हुए आप अपनी नियमित क्रिया को बदल दें | यानी कुछ ऐसे काम को करें जिससे आपको समान reward मिलती है | इससे फिर आपको उस बुरी आदत से छुटकारा मिल जाएगा |

Chapter 4. मूल आदतें या पॉल ओ’नेल की यशोगाथा

कोनसी आदतें सर्बाधिक महत्व रखती है?

सभी आदतें एक जैसी नहीं होती | कुछ आदतें दुसरे आदतें के मुकाबले ज्यादा imporatant होती हैं जिसे मूल आदतें या keystone habits कहा जाता है | अगर मूल आदतों में काबू पाया जा सके या बदलाव लाया जाये, तो ये बाकी आदतों में भी अच्छे बदलाव लातें हैं |

1927 में पॉल ओ’नेल अमेरिका के एक एल्युमीनियम कम्पनी एलकोया के सीईओ बने | तब कम्पनी के निवेशकों को उन पर सन्धेह हुआ | एक meeting के दौरान पॉल ने कहा वो company के मुनाफे को बढाने के वजाए workplace safety को अपनी पेहली priority बनायेंगे | तब निवेशकों को ऐसा लगा की पॉल बची कुची company को और भी बर्बाद कर देंगे |

पर पॉल इस बात को जानते थे की किसी भी company को बदलने के लिए सबसे पेहले उसकी आदतों को बदलना होगा | जब वो workers की safety को priority देना सुरु किये, तब company के managers और कर्मचारी इस बात पर सोचना सुरु किये की कैसे manufacturing process और ज्यादा safe और efficient बनायीं जाए ? और कैसे सबकी सुरक्षा और ज्यादा बेहतर किया जा सकता है?

इसका result ये हुआ की company की manufacturing process पेहले से बहोत बेहतर हो गयी | कर्मचारियों का आपसी तालमेल बहोत बेहतर हो गया और company एक profitable company बन गयी | निवेशकों के संधेह के बावजूद पॉल को अपने बदलाव से सफलता मिली | सन 2000 में जब पॉल company से retired हुए तब company की आमदनी 5 गुना ज्यादा बढ़ गयी थी |

keystone habit किसी भी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है | कई doctors को परेशानी होती है जब वो अपने मरीजों में मोटापे को ठीक करने की कोशिस करते हैं | क्यूंकि मरीज़ strict routine और diet को लम्बे समय तक follow नहीं कर पाता और अपनी पुरानि आदत में वापस आ जाता है |

तब doctors ने उन मरीजों को सिर्फ एक task देना सुरु किया और वो था, अपने पुरे दिनचर्या और खानपान को नोटबुक में लिखें | जिससे परिणाम ये हुआ की मरीज़ अपने खानपान का ध्यान रखने लगे और हलकी फुल्की exercise भी करने लगे | जिससे फिर ये उनकी आदत बन गयी और अन्य कई activity में बदलाव लानी सुरु हो गयी जिससे फिर उनका मोटापा दूर होने लगा |

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Chapter 5. स्टारबक्स और सफलता की आदत

जब इच्छाशक्ती आदत बन जाए !

इच्छाशक्ति या willpower एक keystone habit है जिसे विकशित करके life के दुसरे क्ष्रेत्र में लगाकर अद्भुत सफलता पायी जा सकती है |

willpower ऐसी चीज है जिसे सिखा और सिखाया जा सकता है | willpower को एक muscle की तरह समझे | जैसे exercise से muscle मज़बूत हो सकता है | वैसे ही willpower लगातार practice से एक मज़बूत skill में बदली जा सकती है जो आपकी हैबिट बनकर आपके साथ रहेगी | इसके behaviour को पहचानकर और वक़्त रहते action लेकर इच्छाशक्ति को बढाया जा सकता है |

जब आप कोई decision लेते हैं और उसे follow करते हैं तो ये आपका willpower को बढाता है | willpower की आदत किसी organization पर भी असर डालता है | जब किसी workplace में कर्मचारी को full control मिलती है यानि काम करने की पूरी छुट, decision लेने का अधिकार मिलता है | तब वो लोग अपनी पूरी काबिलियत और जोश के साथ काम करना सुरु कर देते हैं | जिससे फिर company की productivity बढती है |

स्टारबक्स भी एक ऐसी सफल कंपनी है जो अपने कर्मचारियों में willpower को मज़बूत करने के लिए बेहतरीन training देती है | वो ये सिखाती है की कैसे अपने काम पर focus करना है, कैसे अपने emotions पर काबू रखना है | स्टारबक्स ने देखा की customers को अच्छी service देने के लिए employees में willpower और self-discipline की जरुरत है | इसीलिए स्टारबक्स लाखो डॉलर खर्च करके employees को training देती है और उन्हें नयी और अच्छी आदत अपनाने में मदद करती है | और यही training ही स्टारबक्स की सफलता का secrets में से एक है |

स्टारबक्स के कर्मचारी के अच्छे बर्ताव के वजह से customers को अच्छी service मिलती है | इसीलिए स्टारबक्स सिर्फ coffee बेचने के लिए नहीं बल्कि वहां मिले good experience की वजह से जानी जाती है |

Key Notes

  • आदतें इस लिए बनती है क्यूंकि दिमाग energy बचाना चाहता है और अपना ध्यान आराम करने या किसी दुसरे जरुरी काम में लगाना चाहता है |
  • कोई भी आदत ३ चीजों के लूप से चलती है वो है इशारा, नियमित क्रिया और इनाम Cue->Routine->Reward |
  • अगर कोई आदत छोड़ना चाहते हैं तो उसे किसी अच्छी आदत से बदल दें | बुरी आदत को छोड़ने के लिए इशारा और इनाम समान रखते हुए बस नियमित क्रिया को बदल दें |
  • कुछ आदतें अन्य आदतों के तुलना में अधिक महत्व रखतें है जिसे मूल आदतें (Keystone habits) कही जाती है | और मूल आदतों में बदलाव करके हम अपनी दुसरे आदतों में भी अच्छे बदलाव ला सकतें |
  • इच्छाशक्ति एक मूल आदत (Keystone habit) है जिसे सही तरीके से विकशित की जा सकती है | ये ऐसी skill है जो इंसान तथा organization की सफलता का एक secret है |
  • जब आपको आपकी किसी बुरी आदत का पता चले तो उसे बदलने की जिम्मेदारी आपकी ही होती है |

Summary

The Power Of Habit book में हमे आदतों से जुड़े कई रोचक जानकारी मिलती है | कैसे आदतें इन्सान की निजी जिंदगी में असर डालती है | अगर इंसान सब कुछ भूल भी जाये तब भी वो अपनी बनी हुयी आदतों की वजह से रोजमर्रा के काम कर सकता है |

अच्छी आदतों को कर्मचारियों में विकशित करके कैसे बड़ी बड़ी company, organization सफलता के शिखर छु सकती है ये बातें हमे इस बुक से सिखने को मिलती है | यहाँ तक की लोगों में किसी आदत के इशारे को देखकर कंपनी अपने नए प्रोडक्ट को बेच भी सकती है |

तो real बात ये है की आदतें हमारे जीवन का बहोत जरुरी हिस्सा है | इसीलिए सफल और खुशहाल जीवन जीने के लिए अच्छी आदतों का होना बहोत जरुरी है | क्यूंकि जैसी आदत होती है, इंसान वैसा ही action लेता है | इसीलिए खुद में अच्छी आदतों को डालिए |

कैसे आदत डालनी है, कैसे बुरी आदतों को छोडनी है ये बुक कई सारे real और रोचक कहानियों के साथ हमे बताती है | तो परेसान न हो धीरे धीरे कदम बढ़ाएं और खुद में अच्छे बदलाव लातें जाएँ |

आशा है आपको The Power Of Habits Book Summary in Hindi पसंद आई होगी और इससे आपको प्रेरणा मिली होगी | इस book में लिखी बातों को और अच्छे से समझने के लिए इस book को निचे दिए गए links से खरीदकर जरुर पढ़े |

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आपका दिन शुभ हो धन्यवाद !

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