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आज़ादी के 4 समझौते The Four Agreements Summary in Hindi – Don Miguil Ruiz

4 Agreements Summary in Hindi
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Four Agreements Hindi Summary

the four agreements hindi summary

Blog Title : The Four Agreements Hindi Summary
Author : Don Miguil Ruiz
Motive : आज़ादी से जीवन जीने के 4 समझौते

बचपन में हम बहोत प्यारे और मासूम होतें हैं | दुनिया के बारे में हमे कुछ पता नहीं होता | हमारे parents, family और society हमे जो बातें सिखातें है, उसे हम सही मान लेतें हैं | और चाहे वो बातें सही हो या गलत | हम उसमें believe कर लेतें हैं और ये बातें हमारे दिमाग में बैठ जाती है | जिसे लेखक कहेते हैं हम अपने आप के साथ agreement कर लेते हैं और वही बातें हमारी जिंदगी को चलाती है |

अगर बचपन से बच्चे को smart और काबिल  बोला जाता रहा हो तो ये उसका belief बन जाता है और वो जीवन में successful और confident इंसान बनता है | वैसे हि अगर किसी को नालायक, बुदधू बोला जाता रहे तो वो बच्चा सच मान लेता है और वो एक average इंसान भी नहीं बन पाता है | ऐसे हि कुछ गलत बातें, कुछ believes हमारे दिमाग बैठी होती हैं वो तब तक नहीं टूटता जब तक कोई दूसरा इसे बोल बोल कर गलत साबित ना करदे |

कई बातें जैसे की लड़का, लड़की से ज्यादा important होता है | काले लोग सुंदर नहीं होते | तू कुछ नहीं कर सकता | ऐसे कई believe हम अपने मन में बैठा लेते हैं | चाहे वो सही हो या गलत | कुछ agreements तो हम डर के वजह से कर लेते हैं जो हमारी शक्ति शोखती रहती है और हमारे व्यक्तिगत शक्ति को कम करती जाती है | हर इंसान में personal power(व्यक्तिगत शक्ति) होती है जिसे हम सही belief और agreement से निखार सकतें हैं |

अगर हमे जीवन को, खुसी और भरपूर तरीके से जीना चाहतें हैं तो, पूरी हिम्मत के साथ उन गलत agreement/गलत believe को तोडना होगा जो डर के कारण बनी है और अपनी काबिलियत को कम कर रही है |

लेखक अपने पुष्तक में 4 agreements के बारे में बतातें हैं जो successful और happy life के लिए जरुरी है |

THE FIRST AGREEMENT: Be Impeccable with Your Word

पहला समझोता: अपने शब्द के साथ प्रभावहीन बनें

सुनने में ये agreement बहोत simple लगती है, पर ये बहोत गहरी और बड़ी बात है | शब्द इंसान का बहोत हि powerful tool है | इसका सही इस्तेमाल से किसी की जिंदगी बन सकती है और गलत इस्तेमाल से कई जिंदगी बर्बाद हो सकती है |

हमारे शब्दो का दुसरो पे बहोत गहरा असर होता है इसीलिए बहोत समझदारी के साथ बहोत जिम्मेदारी के साथ किसी से कुछ कहना चाहिए | आप को इस बात की समझ होनी चाहिए की आप क्या बोल रहे हो और इस बात का क्या मतलब निकले गा | ये दुसरे की life में क्या impact करेगा | ये simple सा agreement हि आपकी पूरी life को change करने की ताकत रखता है |

कई साल पहले Hitler ने एक पुरे देश के लोगोंको अपने बातों से influence करके world war करवाया था, जिससे कई जाने गयी थी, बहोत तबाही हुयी थी | वैसे हि महात्मा गाँधी ने अपने बातों से influence करके भारत देश वाशियों को एक जुट किये थे और अंग्रेजों को भगा कर अज़ादी दिलाई थी | 

जब भी हम किसी की opinion सुनते हैं और उसे सच मान लेते हैं तब हम अपने आप से agreement कर लेतें हैं और वो हमारे belief system का हिस्सा बन जाता है | बस अपनी बातों से बड़ी बड़ी जंग सुरु और ख़त्म किआ जा सकता है |

ज्यादा तर parents ये गलती करतें हैं वो अपने बच्चो को negative बोलतें हैं हमेसा उन्हें criticise, उनकी बुराई करतें हैं | parents को लगता है वो ऐसा करके बच्चो की भलाई कर रहे हैं | पर actual में ऐसा बोलके बच्चो का self believe और confidence ख़तम कर रहे हैं जो की successful बनने के लिए ज्यादा जरुरी है |

अगर parents हमेसा बच्चो को negative बोलेंगे तो ये बात उसके belief system का हिस्सा बन जायेगा और खुद को वो, नालायक हि समझेगा | इसीलिए parents को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की बच्चो का self belief बढायें उन्हें उनकी छोटी छोटी बातों से appreciate करें |

हमारे emotions,thougts हम अपनी बातों से जाहिर करतें हैं | अगर हम negative बोलतें हैं, gossip करतें हैं तो ये सिर्फ हमें नहीं कई लोगो में negativity फैलाती है | ज्यादातर interaction के time हम अपना गुस्सा, jealous जैसी बातें हिं करतें हैं और gossip करतें हैं | 

कई लोग खुद को पसंद नहीं करते, वो self talk में भी negative बातें हि बोलतें हैं | में smart नहीं हूँ , सुंदर नहीं हूँ, ऐसे कई negative बातें जिससे वो स्वंम की बनाई हुयी आग में जलते रहतें हैं |

खुद को accept करे , प्यार करें | जब तक हम अपने आप से प्यार नहीं करेंगे तो हम दुनियां को भी बुरा और खराफ सोचेंगे | अपने शब्दों में impeccable रहे मतलब इसमें प्यार और positivity रखें | बुरा बोलना gossip करना छोड़ दें, तब हि हम खुस रह पाएंगे | 

एक भी negative बात या misinformation जो gossip में करतें हैं, वो बिलकुल computer virus की तरह होता है जो सिर्फ पुरे system को तबाह करता है | इसलिए इस चीज से दूर रहें |

* हमेसा सकरात्मक और सच बोलें | बुरा बोलना या चुगली करना बन करदें  |

THE SECOND AGREEMENT: Don’t Take Anything Personally

दूसरा समझौता: व्यक्तिगत रूप से कुछ भी न लें

कई बार ऐसा होता है लोग negative बात हमें बोलते हें और उसे हम दिल से लगा बैठ तें हें | जब हमसे कोई खुश होता है तो हमारी तारीफ करता है और जब नाराज़ तो बुराई | पर हम जानते हें हम कैसे हें | लोगों के thoughts और opinion अलग होतें हैं | हर कोई अपनि बनाई हुयी नज़रिए से दुनिया को देखता है | इसिलए कोई भी बात personally ना लें | 

मानलो आप चलते हुए कहीं जा रहे हो , और कोई इंसान आपको देख के बिना आपको जाने बेवकूफ बुलाता है | तो क्या आपको गुस्सा होके उस्से लड़ना सुरु कर देना चाहिए ? बिलकुल नहीं | क्योंकि ये बोलने का उसकी खुद की कोई वजह होगी | सायद वो कुछ बुरा सोचा होगा या वो खुद एक बुरा इंसान होगा | 

पर अगर उसकी बात को personally लेते हो | तो कहीं ना कहीं आप ये मानते हो की, आप बेवकूफ हो | सायद आप अबचेतन रूप से ये सोच रहे हो की आप बेवकूफ हो और इसे कैसे पता चली ये बात | क्या मुझे देख कर पता चलता है ऐसा ?

जो की एक गलत सोच है और आपको ऐसा नहीं करना चाहिए | जब आप बातों को दिल से लगा लेते हो, मतलब की आप agree कर रहे हो उस इंसान की बातों पे | तो उसके मुह से निकला हुआ ज़हर आपके अंदर चला जायेगा | और ये आपको परेशानी देगी , आप दुखी होगे |

हर इंसान अलग होता है और हमारी सोच भी एक दुसरे से बहोत अलग होती है | हम बचपन से हि अलग अलग हालात में जिंदगी जी रहे होते हें इसीलिए हमारे opinion भी बहोत अलग होती है |

जब लोग कुछ बुरा महसूस करते हें तब वो नहीं चाहतें की वो अकेले ऐसा feel करें | इसलिए वो कुछ बुरा opinion देतें हैं या कुछ बुरा करते हैं | जिससे आपको भी बुरा लगे | और जब आप उन opinion और हरकतों को personally लेके बुरा feel करते हो या गुस्सा होते हो | 

तो ऐसा करके उसे अच्छा feel करा रहे हो जो उसे और बुरा बोलने के लिए बढ़ावा देता है | ऐसे हि लोग Social Sites पे बिना एक दुसरे को जाने Comments करके लड़ते हुए मिल जायेंगें |

कोई भी negative बात जो बोलता है वो असल में अपना विचार बताता है की वो कैसा है | अगर वो negative इंसान है तो negative हि बोलेगा | या फिर ऐसा हो सकता है वो अच्छा महसूस नहीं कर रहा और अपना frustration आप्पे निकाल दिया | अगर ये बात आप दिल से लगा बैठे तो आप खुदका हि नुक्सान करोगे |

* Thoughts और Opinion ये बदलते रहतें हे | इसीलिए हर समय किसी की बातोंको दिल से ना लगायें | नाहीं कोई negative बात बोलें अपने लिए या दूसरों के लिए |

THE THIRD AGREEMENT Don’t Make Assumptions

तीसरा समझौता : धारणा ना बनायें

हम इंसानों की आदत होती है हम बहोत हि जल्दी बहोत सी बातों को Assume करने लगते हैं वो भी पूरी बात बिना जाने | हमे लगता है हमे पता है पर सच में, सब कुछ पता नहीं होता |

Assume करना हमारी जीवन में बेवजा का ड्रामा, दुःख, misundersating को पैदा करता है | जो फिर हमारी और दूसरों पे बुरा असर डालता है | इसीलिए जितना हो सके इस्से बचना चाहिए |

कोई बात अगर हमने अधूरी सुनी तो हम आगे assume करने लगते हें नहीं उसने ऐसा बोला होगा | हो सकता है ऐसा सही ना हो जैसा आप सोच रहे हो |

Job में अगर कोई employee सही से काम नहीं कर रहा होता है | तो बाकि लोग ये सोचते हें वो आलसी है और उसके बारे में gossip करने लगते हें | नतीजा कुछ बुरा हि होता है उसके बारे में गलत information Boss तक पहोंच जाती है |और उस employee को job से निकाल दिया जाता है |

हो सकता है वो इंसान कोई परेशानी में हो या काम को सहीसे समझ नहीं पा रहा है | इसका कारण जाने बिना assume करना और gossip करने की वजह से बहोत सारी misundersating पैदा हो जाती है |

इसिलिय इस assumption की बीमारी से बचने के लिए हिम्मत करके खुद से और दूसरों से सवाल करो, बातें clear करो |

अगर आप को कुछ बुरा लगा तो पूछो, assume मत करो | हो सकता है आप जो सोच रहे हो ऐसा कुछ ना हो | आप क्या चाहते हो वो clearly बताओ |

हमे लगता है सामने वाले इंसान को जरुर से समझ आना चाहिए की हमे क्या बुरा लगा | और क्यों बुरा लगा और हम क्या चाहतें हैं | पर इंसान इतना समझदार होता हि नहीं | वो दूसरों की feelings को पूरी तरह से समझ हि नहीं सकता | 

इसीलिए जितना हो सके बातें clearly करो और clear करो | ऐसे बहोत से रिश्ते खराफ होतें हें क्योंकि ज्यादा तर लोग अपनी बातें clearly बताते नहीं, समझाते नहीं |

अपने Life Partner, parents और दोस्तों से ये उम्मीद करतें हें की वो हमे अच्छे से समझे बिना बोले हमारे मन की बात जान लें | वो क्यों नहीं समझा या समझी | पर जरुरी नहीं होता हमारे अपने हमे पूरी तरह से समझ पाए और बिना बोले हमारी इच्छा पूरी कर पाए | इसीलिए अपनी बात खुलके बताना और बातों को समझाने से रिश्ते गहरे और अच्छे बनेगें |

* बिना बात को जाने कुछ गलत assume मत करो | अगर आपको लगता है आपकी बातों से कोई कुछ गलत assume कर सकता है तो आप बात को पहले हि clear करदो | इस्से बेवजा का दुःख और परेशानी से बचाव मिलेगा |

THE FOURTH AGREEMENT: Always Do Your Best

चौथा समझोता: हमेशा अपना सबसे बेहतरीन करो

चाहे जो भी काम करो उसमे आप अपना best दो | best देना मतलब पुरे दिल से और खुसी से काम को करना |
आपका best हो सकता कभी हालात के हिसाब से बदले | मतलब जिस दिन आप अच्छा महसूस कर रहे उस दिन आपका best बहोत अच्छा होगा और जिस दिन आपका सेहत ठीक नहीं उस दिन कुछ कम |मगर चाहे जो भी हो अपना best देने से कभी पीछे मत हटो ना बहाने बनाओ |

ज्यादा तर लोग कोई काम इसिलिए करते हें ताकि उन्हें कुछ इनाम मिले | उसी लालच में काम करते हें पर इस्से वो काम को पुरे मन से नहीं कर पातें हैं | मगर जब आप अपना best देते हो बिना लालच के तब आपको पछतावा नहीं होता की काश में थोडा और मेहनत कर लेता | खुद को बुरा नहीं बोलते, नाहीं regret करते हो |

जब आप अपना best देते हो , तो आपको कई rewards और opportunities ऐसे मिलती है जिसकी आप उम्मीद भी नहीं करे होते | हो सकता है आप ऊपर के ३ agreement सही से पूरा ना कर पाओ, मगर जब आप ये सोचते हो की में best दूंगा, की में कोई negative ना बोलूं , बातों को समझ और जिम्मेदारी के साथ बोलूं | तो आप आप अपने शब्दों में impeccable होने लगते हो |

जब आप ये सोचते हो की में कोई भी बुरी बात को दिल से नहीं लगाऊंगा , बातों को personally ना लेने की best दूंगा तो ये धीरे धीरे काम करने लगेगा |

ऐसा कई बार होगा की बिना बात को पूरी तरह जाने आप assume करने लगो, जैसा की हम इंसानों का स्वभाब हि है | पर जब आप ये सोचोगे की में best दूंगा की बातों को clear करूँ कुछ गलत assume ना करूँ | तो assume करने की आदत, चीजों personally ना लेने की आदत, शब्दों में impeccable रहने की आदत अपने आप मजबूत होने लगेगी |

Conclusion

आशा है आपको ” the four agreements hindi summary ” पसंद आई होगी |

अपने बिचार, सुझाब निचे comment करके जरुर बताएं |

धन्यबाद !

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