Introduction
“As A Man Thinketh” James Allen की लिखी self help book है | ये छोटी सी पुष्तक ये बताती है की हम जो भी हैं अपने बिचारों के कारण हैं |
ये बताती है किस तरह हम अपनी बिचार रूपी यन्त्र का उपयोग कर सकते हैं | हम बास्तब में वही हैं जो हम सोचतें हैं | हमारा चरित्र हमारे बिचारों का फल है | आप अपने भाग्य के निर्माता हैं | ये नियम परमसत्य हे जो खोजेंगें उन्हें मिलेगा | जो दस्तक देगें उसके लिए दरवाजे खुलेंगें | क्योंकि धेर्य ,अभ्यास और निरंतर प्रयास के माध्यम से हि ज्ञान के मंदिर में दाखिल हो सकते हैं |
हमारे बिचार हि हमारे कर्म निर्धारित करती है | हमारे कर्म से हि हमारे चरित्र बनतें हैं और चरित्र से बनता है पूरा जीवन |
लेखक के बारें में
James Allen ब्रिटिश दार्शनिक और लेखक थे जो अपनी प्रेरणादायक पुष्तकों, कबिताओं के लिए और खुद की मदद (Self Help) करें नामक आन्दोलन के अग्रणी के रूप में जाने जाते थे | “As A Man Thinketh” ने अपने समकालीन लेखकों को बहोत प्रभावित किया है | अपनी इस कृति को वे “लिटिल वाल्युम” कहा करते थे, जिसका अनुबाद कई भाषाओं में हुआ है और इसने करोड़ों पाठकों को यह पहचानने के लिए प्रेरणा दी है की केवल बिचार की शक्ती के द्वारा हि मनुष्य अपने vision यानि अपने स्वप्न को बस्ताबिकता में उतार सकता है |
As A Man Thinketh Summary in Hindi
हर इंसान के मन में अच्छे और बुरे बिचार दोनों ही रहते हैं | और इंसान खुद को वही बनाता है जिस बिचार को वो ज्यादा पनप्ने देता है |
कैसे सपने हैं आपके ? क्या सुख सुबिधा चाहतें हैं आप ? क्या लक्ष्य है आपका ? कैसे हालात में हैं आप ?
ये सब कोई और नहीं आपके बिचार हि आपके लिए बनाए हैं | बिचार हि मन को दिशा देता और मन जीवन को |
लेखक कहतें हैं :
अपने विचारों पर नजर रखिए क्योंकि विचार ही आपके शब्द बनते हैं !
अपने शब्दों पर नजर रखिए क्योंकि शब्द ही आपके कार्य बनते हैं !
अपने कार्यों पर नजर रखें क्योंकि कार्यों से ही आपकी आदतें बनती हैं !
अपनी आदतों पर नजर रखिए क्योंकि आदतों से आपका चरित्र बनता है !
अपने चरित्र पर नजर रखिए क्योंकि चरित्र से ही आपकी किस्मत बनती है !
1) बिचार और चरित्र
क्या ऐसा हुआ है कभी की हम करेले का बिज लगायें, और उससे आम का फल मिला हो ? नहीं ना | उसी तरह जैसे विचार आप रखते हो उसी तरह के इंसान आप बन जाते हो | विचार एक बिज की तरह है और उससे किआ गया काम हमारा चरित्र बनाता है | गलत विचार गलत काम करवा है और फिर हमारे हालात बुरे बन जाते है | अच्छी सोच हमे अच्छा काम करवाता है जिससे फिर हम अपने जीवन में खुसी और सफलता को आकर्षित करते हैं |
“मन में निहीत बिचार ने हमे बनाया है, हम जो भी हैं अपने बिचारों द्वारा गढे और निर्मित किये गयें हैं | अगर इंसान के मन में गलत बिचार है तो उसके पास दुःख ऐसे आता है जैसे बैल के पीछे पहिया |” “उसी तरह अगर मन में अच्छे और पबित्र बिचार हैं तो निस्चय हि पसन्नता उसका पीछा ऐसे करती है जैसे धुप में परछाई|”
मन में गलत बिचार को बार बार लाने से उसके काम भी गलत होने लगते हैं और वो धीरे धीरे जानवर से भी बत्तर बन जाता है | पर अगर इंसान मन को अच्छे विचार रखे तो उसके कर्म भी अच्छे होते हैं |इसीलिए कहा जाता इंसान खुद अपने चरित्र का निर्माता है | और अपनी किस्मत और खुशाली का खुद ही जिम्मेदार है |
कड़ी मेहनत और खदानों की गहरी खुदाई से जैसे सोना और हीरा पाए जातें हैं, उसी तरह इंसान अपने मन की गहराई में जाकर अपने बिचारों पर नजर रखें | उन्हें अपनी समझ और सुझबुझ से नियंत्रित करें तो वो खुद में अच्छे बदलाब ला सकता है | खुद की गहन अध्यन से हम अपने बिचार में सुधार ला सकतें हैं और अपने चरित्र (character) को बेहतर बना सकते हैं |
2) परिस्थितियाँ पर विचारों का प्रभाव (Effects of Thoughts on Circumstances) :
हम अपने बिचारों से अपनी परिस्तिथि को बनाते हैं | हमे वही मिलता है जो हम हैं | ये सबके लिए लागु है चाहे वो अपनी परिस्तिथि से खुस हैं या अपनी परिस्तिथि से असंतुस्ट हैं | प्रकुति हमें वही देती जो हम हैं | बहोत से लोग किस्मत को दोस देते हैं | पर वो अपने बिचारों को नहीं देखते की वो जहाँ हैं वहाँ कैसे आये और कैसे उस हालात को सुधारा जाये ?
जैसे की एक इंसान कम आमदनी से परेसान है पर वो ज्यादा मेहनत नहीं करना चाहता | न वो वो खुदको काम में बेहतर बनाना चाहता है | तो इसका अंजाम होगा की वो हमेसा गरीब रहेगा | उसी तरह एक बहोत हि अमीर आदमी है पर वो बहोत बीमार रहता है | अपनी बीमारी को दूर करने के लिए करोड़ों खर्च करने के लिए तय्यार है |पर वो अपने खाने का प्यार को नहीं छोड़ना चाहता | चाहे उसका पेट भरा हो फिर भी वो खता जाता है | जो उसके लिए अच्छा नहीं वो खाना भी वो खता है | तो इन्सका परिणाम क्या होगा ? वो हमेसा बीमार ही रहेगा |
इंसान अपनी भाग्य खुद बनाता है | जो सुधार लाने है उसे ना करके किस्मत को दोष देने से कुछ नहीं मिलेगा | अपने हालात को देखें और सोचें की इसकी वजह क्या है | और उसको सुधारने की जिम्मेदारी लें | “जैसे बिचार हम रखतें हैं उसी तरह के कर्म हम करतें हैं ,और उसी से हमारी परिस्तिथि बनती है |”
3) स्वास्थ्य और शरीर पर विचार का प्रभाव (Effect of Thought on Health and the Body):
“स्वच्छ बिचारों से स्वच्छ आदतें बनती हैं और इस्से बनती है एक सुखद जीवन |”
शरीर मन का सेबक है | जैसे बिचार हम मन में रखेंगें वैसे ही शरीर प्रतिक्रिया देगा | नकारात्मक बिचार, डर, चिंता इंसान का मनोबल तोड़ देता है | उसे अंदर से खोकला कर देता है जिससे फिर उसके लिए बिमारियों का द्वार खुल जाता है | उसी तरह मन में अगर अच्छे और सकारात्मक बिचार हो, तो शरीर में नयी जान आ जाती है | क्योंकि ये शरीर को अंदर से heal करता है, जिससे फिर बीमारी दूर रहती है | और ये आपको एक लम्बी और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है |
अगर अपने शरीर को नया जीवन देना चाहतें हैं तो, अपने बिचारों को अच्छा बनाईये | मन में इर्षा, द्वेष , निराशा आदि बिचारों को छोड़ दीजिये क्योंकि ये सब बिचार से हि चेहरे की रौनक चली जाती है | और आप खुद ही अपनी कबर खोद रहे हैं |नकारत्मक विचारों को प्यार, सहानुभूति और ज्ञान आदि बातों से बदल डालिए | जिससे आप अंदर से अच्छा महसूस करेंगे और वो आपके चेहरे पर अलग ही तेज़ और चमक लाएगा |
कई लोग ऐसे होते हैं जो बूढ़े हो जाने पर भी उनके चेरे पर अलग ही नूर होता है | क्योंकि उनका नजरिया जीवन के प्रति अच्छा होता है | वो हर स्तिथि में कुछ न कुछ अच्छाई ढूंड लेते हैं, और खुस रहते हैं | पर कुछ लोग अपनी उम्र से भी ज्यादा बूढ़े और खराफ दीखते हैं | क्योंकि वो अपने मन को द्वेष, इर्षा और क्रोध आदि विचारों से भरे होते हैं | इसीलिए बेहतर स्वास्थ के लिए अपने मन को अच्छी विचारों से पोषित कीजिये | जिससे फिर आप लम्बा, खुशहाल और स्वस्थ जीवन का लाभ उठा पायेंगे |
4) विचार और उद्देश्य (Thought and Purpose)
बीना किसी उद्देश्य का जीवन ऐसा है जैसे पानी में तयरती हुयी लड़की | जिसकी कोई दिशा नहीं होती और वो पानी के बहाव में बहती रहती है | वैसे ही जब हमे अपना उद्देश्य पता नहीं होता है, तब हम डर, चिंता और निराशा जैसे विचार आते हैं | जिससे फिर दुःख, मजबूर और असफल आदि विचार के सीकार बन जातें हैं | इसीलिए अपने जीवन को एक उद्देश्य से जोड़ें | तभी आपके विचार उस उद्देश्य से जुड़ जायेंगे और उसे पाने में जुट जायेंगें | तब आपका जीवन उस नाव की तरह बन जायेगा जिसे अपनी मंजिल पता है और वो सारे तुफानो को झेल कर वहां बढ़ता रहेगा |
जब आप अपने मकसद को जानते हैं, तो बेकार की कलपना और भ्रम आपको परेसान नहीं करती | आपको हिम्मत मिलती अपनी परेसानी का सामना करने के लिए | इसीलिए अपने लक्ष्य पे ध्यान दीजिये जिससे फिर आपका self control बढेगा | और जब आप हर परेसानी से निकल कर अपना लक्ष्य हासिल कर लोगे तो आपका चरित्र और भी ज्यादा मज़बूत हो जाएगा |
जो भी आपका उद्देश्य है, अपने विचारों को उससे जोड़ दीजिये | ये फिर अपना रास्ता उसे पाने के लिए लगा देंगे | खुदको डर और भ्रम में रहने मत दीजिये | डर और भ्रम से आपको कुछ हासिल नहीं होगा | अपना पूरा ध्यान अपने लक्ष्य पे लगा दीजिये और आगे बढ़ते जाईये |
5) उपलब्धि में विचार-कारक (The Thought-Factor in Achievement)
कोई भी उपलब्धि बिना बलिदान या sacrifice के नहीं आती है | बड़ी सफलता बड़े त्याग से मिलती है और छोटी कामयाबी छोटी त्याग से | अगर आप भौतिक और आध्यात्मिक तोर पे सफल हो भी जाये उसके बाद भी आपको अपने बिचारों को सुध और अच्छे रखने होंगे | लोग जब अपने लक्ष्य पर काम करना सुरु करते हैं, तब कई तरह के विचार उनका ध्यान भटकातें हैं | असली परीक्षा तभी आती और तब आप अपने गलत विचारों को संभाल सकें |
आपका लक्ष्य है आमिर बनना पर आपके मन में ये संका है आप आमिर नहीं बन सकते या सफल नहीं हो सकते | तो आप जितनी भी कोशिस करलें आप सफल नहीं हो पाओगे | क्योंकि आप चाहते कुछ हो और आपके विचार कुछ और हैं | हमारे विचार ही हमारे कर्म को दिशा देती है और उन चीजों को हमारे और लाती है जो हम चाहते हैं | इसीलिए अपने विचार को स्पष्ट रखें, हर वो गलत विचार को मन से निकाल दें जो आपका मनोबल को कमजोर करती | तभी आप जो भी चीजें पाना चाहतें हैं वो सब आप हासिल कर पाएंगे |
एक कमजोर इंसान की एक शक्तिशाली इंसान तब तक मदद नहीं कर सकता जब तक वो मदद लेना ना चाहे | मतलब जब तक वो खुद को कमजोर समझता रहेगा तब तक वो कुछ भी करना नहीं चाहेगा खुदको शक्तिशाली बनाने के लिए | तो ऐसे में कोई उसकी कैसे मदद कर पायेगा | अगर कोई आमिर बनना चाहता है पर उसका विचार बार बार गरीबी और कडकी की तरफ जाता है | तब वो कभी आगे बढ़ने का सोचेगा भी नहीं क्योंकि वो हमेसा अपनी बुरी स्तिथि के बारे में सोचता रहेगा और आमिर बनने के रास्ते के बारे में उतना सोचेगा नहीं |
इसीलिए अपने विचारों को सही दिशा दीजिये, और उन विचारों को निकाल फेकिये जो आपको राह भटकती है | मुशकीलें आयेगीं लक्ष्य की और जाने में | जितना बड़ा लक्ष्य उतनी ही समस्या आती है | क्योंकि कोई भी उपलब्धि के लिए हमसे जीवन कुछ त्याग और मेहनत मांगती है |तो वो देना तो पड़ेगा | पर जो चाहिए वो हासिल जरुर होता है |
6) दर्शन और विचार (Visions and Ideas)
इस दुनियां का कोई बड़ा achievement सुरु हुआ था किसी के सपने से हि | जाहे वो चाँद पे जाना हो या बिजली की खोज करके दुनिया को रोशन करना हो | कोई भी चीज real बन्नने से पहले वो सपने में create होती है | एक समय में हमारे freedom fighter का भी सपना था हमारा देश को आजाद करने का | और उसीकी के वजह से आज हम आज़ादी की साँस ले रहें हें |इसीलिए अपना dream, अपना vision हमेसा अपने मन में जिन्दा रखें | तभी हम उसको पाने के लिए सही काम कर पायेंगें और, उसे पाने की Opprtunity को ढूंड कर एक दिन वो सपना पूरा करेगें |
“Dreamers save the world !” “Your vision and ideal are the most precious things you have !”
कई साल पहले लोगों ने ये सोचा भी ना था की इंसान हवा में उड़ पायेगा | पर आज ये हकीक़त है | जितने सुबिधायें आज हमे मिल रही वो कभी किसीकी कलपना ही थी | इसीलिए अपने मन अपने सपने को पनप्ने दीजिये | एक अंडे में एक ख़ूबसूरत चिड़िया छुपी होती है | एक छोटी सी बिज में एक बड़ा पेड़ छुपा होता है | वैसे ही हमारे सपने ही तो हमारे सच का बिज है | जो भी आपकी इच्छा है वो सच होगा | बस अपने सपने को धुन्दला मत होने दीजिये |
7) शांति (Serenity)
मन की शांति ज्ञान और आत्मनियंत्रण से आती है | एक शांत इंसान जानता है हर चीज के पीछे कोई ना कोई कारण होता है | इसिलिए वो गुस्सा करना या चिंता करना छोड़ देता | हालात चाहे कुछ भी हो वो शांत रहता है | वो दूसरों के साथ सही व्यवहार करना जानता है | इसीलिए लोग भी उसे पसंद करते हैं और सम्मान देते हैं |
एक इंसान जितना शांत और समझदार होगा उसकी सफलता, उसकी शक्ति उतनी बढ़ेगी और लोगों पर उसका असर ज्यादा होगा | क्योंकि शांत इंसान खुद को संभालना जनता है और दूसरों से अच्छा व्यवहार करता है | जिससे फिर लोग उससे बात करना और काम करना पसंद करते हैं |
शांति ही शक्ति है, आत्मनियंत्रण ताकत है और सही विचार असली जीत है जो इंसान को जीवन में महारथी बना सकता है |
Conclusion सारंस
“As A Man Thinketh” पुष्तक का यही मुख्य सन्देश है की हमारे बिचार हि हमारे पुरे जीवन को बनाती है | अपने बिचार को शुद्ध करें, उसे एक उद्धेस्य से जोडें | मन में भय, चिंता जैसी नकारत्मक बिचारों को न आने दें, ये बन्दुक की गोली से भी ज्यादा खतरनाक होती है जो हजारों लोगों की जान की दुशमन बनी हुयी है |
आशा है आपको As A Man Thinketh Book Summary अच्छी लगी होगी और आपको प्रेरणा मिली होगी | पूरा summary पढने के लिए धन्यबाद !
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Beautiful lines 🙂🙂🙂